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सचि‍न की तरह पि‍ता राजेश पायलट ने भी कई बार किया ‘कांग्रेस से विद्रोह’ लेकिन पार्टी को कभी नहीं कहा ‘अलवि‍दा’

सचि‍न की तरह पि‍ता राजेश पायलट ने भी कई बार किया ‘कांग्रेस से विद्रोह’ लेकिन पार्टी को कभी नहीं कहा ‘अलवि‍दा’ - rajesh pilot
कांग्रेस से सचि‍न पायलट के बागी होने और पूरे सि‍यासी ड्रामे के बीच उनके पि‍ता राजेश पायलट भी अभी सुर्खि‍यों में हैं। जो तेवर हाल ही में सचि‍न ने दि‍खाए कुछ ऐसे ही बागी तेवर उनके पि‍ता राजेश पायलट कई बार कांग्रेस को दि‍खा चुके हैं। हालांकि आखि‍री तक उन्‍होंने कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ी।

सचि‍न पायलट ने तो पहली बार ही कांग्रेस को अपने तेवर दि‍खाए हैं,लेकिन राजेश पायलट तो कई बार कांग्रेस के खि‍लाफ विद्रोही हुए थे। हालांकि‍ वे अपने वि‍द्रोह में कभी सफल नहीं हुए।

हाल ही में पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने पिता-पुत्र के विद्रोही स्‍वभाव और महत्‍वकांक्षा को लेकर एक लेख लिखा है। राजदीप ने लिखा कि साल 1997 में राजेश पायलट ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी की जगह पार्टी अध्यक्ष बनने का फैसला किया था। वे यह चुनाव हार गए थे।

ठीक इसी तरह नवंबर 2000 में जब बागी नेता जितेंद्र प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा तो राजेश पायलट ने जितेंद्र प्रसाद का साथ दिया था। यानी उन्‍होंने सीधे तौर गांधी परिवार को ही चुनौती दी थी।

11 जून 2000 को एक सड़क दुर्घटना में राजेश पायलट की मौत हो गई। ठीक इसी दौरान जितेंद्र प्रसाद चुनाव हार गए। इसके बाद से सोनिया गांधी लगातार कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बनी रहीं।

राजेश पायलट 1980 में राजनीति में आए। इसके पहले वे दि‍ल्‍ली के वीआईपी घरों में दूध की डि‍लि‍वरी का काम किया करते थे। पायलट होने की वजह से वे संजय गांधी के करीबी रहे, लेकिन बाद में राजीव गांधी के करीब आ गए। 1985 में राजीव गांधी की सरकार में वे मंत्री बन गए।

ऐसे और भी कई मौकों पर राजेश पायलट ने गांधी परि‍वार पर सवाल उठाए और चुनौती दी। क्‍योंकि वे अपने दम पर राजनीति‍ में आए और नेता बने थे, लेकिन दि‍लचस्‍प बात यह रही कि‍ कभी उन्‍होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला नहीं किया, हालांकि‍ सचि‍न पायलट ने भी अब तक पार्टी को अलविदा नहीं कहा है। उन्‍होंने भाजपा में जाने से भी इनकार कि‍या है, लेकिन राजस्थान सरकार के खिलाफ बगावत करने के बाद से सचिन पायलट की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं।

पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पद से हटाने के बाद पार्टी ने सचिन पायलट के समर्थक दो बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने का फैसला किया है। इसके साथ ही राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने भी सचिन पायलट और 18 अन्य बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के संबंध में नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस क जवाब में सचिन पायलट खेमा हाईकोर्ट चला गया है, जिस पर शुक्रवार दोपहर एक बजे सुनवाई होनी है।
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