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Last Modified: गुरुवार, 16 जुलाई 2020 (16:53 IST)

अयोग्यता मामले में पायलट खेमा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगा नई याचिका

अयोग्यता मामले में पायलट खेमा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगा नई याचिका - HC Grants Time to Pilot Camp to File Fresh Plea
जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने गुरुवार को सचिन पायलट और 18 अन्य बागी कांग्रेस विधायकों को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिसों को चुनौती देने के लिए संशोधित याचिका दाखिल करने का समय दिया है।
 
राज्य विधानसभा से असंतुष्ट विधायकों को अयोग्य करार देने के खिलाफ उनकी याचिका पर अपराह्न तीन बजे सुनवाई हुई। हालांकि, याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने इसमें संशोधन के लिए समय मांगा।
 
साल्वे ने दलील दी कि विधायक नोटिसों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं और उन्हें इसे नए सिरे से दाखिल करने के लिए और वक्त चाहिए। अब उच्च न्यायालय की खंडपीठ मामले में सुनवाई करेगी।
 
विधानसभा अध्यक्ष ने जारी किया है नोटिस : उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सभी को नोटिस जारी किया।
 
पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि पार्टी का व्हिप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो। विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गई शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1) (ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है।
 
इस प्रावधान के तहत अगर कोई विधायक अपनी मर्जी से उस पार्टी की सदस्यता छोड़ता है, जिसका वह प्रतिनिधि बनकर विधानसभा में पहुंचा है तो वह सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाता है।
 
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को लिखे पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने अतीत में ‘स्पष्ट रूप’ से यह फैसला दिया है कि यह प्रावधान उस वक्त प्रभावी होता है जब विधायक का व्यवहार इस स्तर पर पहुंच जाए।
जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है उनमें विश्वेन्द्रसिंह और रमेश मीणा भी हैं। अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत को लेकर सचिन पायलट के साथ इन्हें भी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। नोटिस पाने वाले अन्य विधायकों में दीपेन्द्रसिंह शेखावत, भंवरलाल शर्मा और हरीश चन्द्र मीणा भी शामिल हैं। इन्होंने भी गहलोत सरकार को चुनौती देते हुए मीडिया में बयान दिए थे।
 
साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही सचिन पायलट कुछ नाराज चल रहे थे। राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और भाजपा के पास 72 विधायक हैं। (भाषा)
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