SIR मुद्दे पर संसद में हंगामा, ओवैसी ने कहा- सबसे ज्यादा नाम मुस्लिमों के कटे
Ruckus in Parliament over SIR in Bihar: विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा किया, जिसके कारण संसद सुचारु रूप से नहीं चल पाई। विपक्षी दल एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा समेत विपक्षी दलों के अन्य सांसदों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। वहीं, एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम बहुल इलाकों में ज्यादा नाम काटे गए हैं।
मुस्लिमों के नाम ज्यादा कटे : एसआईआर की आलोचना करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ज्यादा नाम वहां काटे गए हैं, जहां मुस्लिमों की आबादी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि सबसे कमजोर भारतीयों को इसका सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उनके पास कोई आवाज नहीं है। एएनआई से बातचीत में DMK सांसद कनिमोझी ने इस मुद्दे पर कहा कि हम विरोध कर रहे हैं और संसद में इस पर चर्चा चाहते हैं। वे इसकी अनुमति नहीं दे रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और हमें इस पर चर्चा करने का समय नहीं मिल रहा है।
वे घबरा क्यों रहे हैं : वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वे घबरा क्यों रहे हैं? इतने दुर्बल हो गए हैं कि संसद चला नहीं पा रहे हैं। ट्रंप का सामना नहीं कर पा रहे हैं। क्या हो गया है? हम केवल चर्चा की मांग कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस की ही प्रणीति शिंदे ने कहा कि हम SIR को लेकर चर्चा चाह रहे हैं लेकिन भाजपा कुछ तो छिपाने की कोशिश कर रही है। जदयू सांसद संजय कुमार झा ने इस मुद्दे पर कहा कि जमीनी तौर पर बिहार में कोई मुद्दा नहीं है। जब बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता (तेजस्वी यादव) ने दो चुनावी पहचान पत्र रखे हैं, तो पता नहीं उनके समर्थकों के पास कितने पहचान पत्र होंगे, इसीलिए SIR किया जा रहा है।
सदन में सवाल तो उठाए जाएंगे : कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि आखिकार वह किस बात से डर रहे हैं। लोगों को वोट देने का अधिकार है, चुनाव की प्रक्रिया है, वोट की प्रक्रिया है, सदन में चुनाव प्रक्रिया पर चर्चा नहीं होगी और सवाल नहीं उठाए जाएंगे तो कहा उठाए जाएंगे? सरकार बात स्पष्ट करें, तकनीकी कारण दिखाकर चर्चा से भागने की सरकार की कोशिश निंदनीय है। राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि यह एसआईआर नहीं है, यह इंटेंसिव डिलीशन है। कोई वर्गीकरण नहीं, कोई EPIC नंबर नहीं...मैं समझता हूं कि यह घोर अलोकतांत्रिक है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र तब मजबूत होगा जब सबका वोट डालने का जो अधिकार है, वो मिलेगा। जब वो ही अधिकार छीना जा रहा है तो हम कहां आवाज उठाएं? सरकार को सुनना चाहिए और उन अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो लगातार वोटर लिस्ट के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। एसआईआर पर चर्चा होनी चाहिए। सपा के ही रामगोपाल यादव ने कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थ को खत्म किया जा रहा है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala