Uttarakhand Cloud Burst: धराली में केरल के 28 पर्यटक लापता, 11 सैनिक भी लापता, आधा गांव तबाह
Uttarakhand Cloud Burst: उत्तराखंड में बादल फटने से हुए भारी भूस्खलन के बाद मूल रूप से केरल निवासी 28 पर्यटकों का समूह लापता हो गया है। समूह में शामिल एक दंपति के रिश्तेदार ने मीडियाकर्मियों को बताया कि इन 28 लोगों में से 20 केरल से हैं जो महाराष्ट्र में बस गए हैं, जबकि बाकी 8 लोग केरल के विभिन्न जिलों से हैं। उल्लेखनीय है कि मंगलवार दोपहर बाद बादल फटने से खीरगंगा नदी में आई भीषण बाढ़ में करीब आधा गांव तबाह हो गया था। विभिन्न एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे बचाव अभियान में 150 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बाढ़ में अभी भी 50 से अधिक लोग लापता हैं।
उन्होंने बताया कि दंपति के बेटे ने आखिरी बार उनसे एक दिन पहले बात की थी। रिश्तेदार ने कहा कि उन्होंने बताया कि वे उस दिन सुबह करीब साढ़े 8 बजे उत्तरकाशी से गंगोत्री जाने वाले थे। उसी मार्ग में भूस्खलन हुआ था। उनके जाने के बाद से हम उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हरिद्वार स्थित ट्रैवल एजेंसी ने 10 दिनों की उत्तराखंड यात्रा का आयोजन किया था। ट्रैवेल एजेंसी भी समूह के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रही है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उनके फोन की बैटरी तब तक खत्म हो गई हो। उस क्षेत्र में फिलहाल कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं है। उत्तराखंड के पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र धराली में मंगलवार दोपहर बादल फटने के बाद आई आपदा में कम से कम 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
11 सैनिक भी लापता : सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि लापता लोगों में 11 सैनिक भी शामिल हैं। 14 राजरिफ के कमांडिंग अधिकारी कर्नल हर्षवर्धन 150 सैनिकों की अपनी टीम के साथ मौके पर राहत और बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि सैनिकों के लापता होने और बेस के प्रभावित होने के बावजूद टीम पूरे साहस और दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रही है। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए भारतीय सेना ने एमआई-17 औैर चिनूक हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है।
प्रधानमंत्री का आश्वासन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली में आई प्राकृतिक आपदा तथा वहां चल रहे बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली। धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार पूरी तत्परता से बचाव एवं राहत कार्यों में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि लगातार भारी बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ काम कर रही हैं ताकि प्रभावितों को तुरंत सहायता मिल सके।
अधिकारियों ने बताया कि धराली का लगभग आधा हिस्सा भूस्खलन के कारण कीचड़, मलबे और बाढ़ के पानी में समा गया है। यह गांव गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री जाने वाले मार्ग का एक प्रमुख पड़ाव है और यहां कई होटल और होमस्टे हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala