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Last Updated : मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023 (23:26 IST)

Rahul Gandhi in Golden Temple : राहुल गांधी ने गोल्डन टेंपल में दूसरे दिन भी की सेवा, सब्जी काटी, धोए जूठे बर्तन

rahul gandhi
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Rahul Gandhi in Golden Temple : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  दूसरे दिन अमृतसर के गोल्डन टेंपल (Golden Temple) में माथा टेकने पहुंचे हैं। उन्होंने सबसे पहले उन्होंने माथा टेका और सेवा की। राहुल गांधी श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेककर जूठे बर्तन साफ करने की सेवा निभाई। इसके साथ ही राहुल गांधी लंगर के लिए बनाई जाने वाली सब्जियां काटते हुए भी नजर आए हैं। 
आज उन्होंने आधा घंटे सब्जियां काटी और फिर लंगर के झूठे बर्तन भी साफ किए। राहुल गांधी इन दिनों जनता से सीधे संवाद में जुड़े हुए हैं। 
 
पिछले दिनों उन्होंने कुली, बढ़ई का काम भी किया। रेलवे में भी वे आम यात्री के साथ सफर कर उनसे रूबरू हो रहे हैं।

सिर पर नीला कपड़ा बांधे गांधी ने श्रद्धालुओं को रोटियां परोसीं और लंगर में लगभग एक घंटा बिताया।
 
शाम को गांधी ने 'जौरा घर' (जूता घर) में 'सेवा' दी। फिर उन्होंने गर्भगृह में मत्था टेका और वहां से रवाना हो गए।
 
गांधी सोमवार को भी अमृतसर पहुंचने के बाद स्वर्ण मंदिर गए थे। उन्होंने श्रद्धालुओं को जल प्रदान करके और उनके कटोरे साफ करके 'सेवा' दी थी।
 
कांग्रेस नेता ने ‘शबद कीर्तन’ (भजन) भी सुना था। गांधी ने पारंपरिक अनुष्ठान ‘पालकी सेवा’ में भी हिस्सा लिया था, जो समापन अनुष्ठान है, जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब को ‘सुखासन’ के लिए अकाल तख्त ले जाया जाता है।
 
पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वाडिंग ने सोमवार को कहा था कि गांधी निजी यात्रा पर स्वर्ण मंदिर पहुंचे हैं।
 
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने मंगलवार को कहा कि उसने स्वर्ण मंदिर की यात्रा के दौरान गांधी को पूरा सहयोग दिया।
 
एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि स्वर्ण मंदिर में गांधी को हर तरह से सुविधा प्रदान की गई और 'सेवा' करने के दौरान उन्हें पूरा सहयोग दिया गया।
 
ग्रेवाल ने 1984 में कांग्रेस के शासनकाल में हुए सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि सिख समुदाय बहुत उदार है और कभी भी किसी के प्रति कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या नफरत नहीं रखता है।
 
हालांकि, उन्होंने कहा कि दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों में कई महिलाओं ने अपने पति और परिवार के सदस्यों को खो दिया, लेकिन गांधी परिवार ने कभी उनसे मिलने की जहमत नहीं उठाई।
 
ग्रेवाल ने दंगों और ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ का जिक्र करते हुए कहा कि गांधी ने कभी भी इन मुद्दों पर कुछ भी कहने की जहमत नहीं उठाई जिससे उनका पश्चाताप झलकता हो। इनपुट एजेंसियां Edited by:  Sudhir Sharma