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Last Modified: शुक्रवार, 25 जून 2021 (23:59 IST)

राष्ट्रपति बोले- हमें 5 लाख वेतन मिलता है, आधे से ज्यादा टैक्स में चला जाता है...

राष्ट्रपति बोले- हमें 5 लाख वेतन मिलता है, आधे से ज्यादा टैक्स में चला जाता है... - President Ram Nath Kovind reached Kanpur
कानपुर। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव परौंख जा रहे रामनाथ कोविंद शुक्रवार को ट्रेन से कानपुर पहुंचे। स्पेशल ट्रेन से कानपुर देहात के झींझक रेलवे स्टेशन पहुंचे राष्ट्रपति यहां लोगों से अलग ही अंदाज में रूबरू हुए।
 
उन्होंने कहा कि मेरी आपसे दूरी नहीं है, जो दूरियां दिखाई देती हैं वे प्रोटोकॉल के तहत हैं। आप अपनी बात और शिकायत हम तक पहुंचा सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि लोग कहते हैं कि जब मैं सांसद था तो झींझक रेलवे स्टेशन कई ट्रेनें रुकती थीं, लेकिन अब बंद हो गईं। उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि ऐसा कोरोना के चलते हुआ होगा, लेकिन जल्द ही सभी ट्रेनों का स्टॉपेज फिर हो जाएगा।
 
...और अपने वेतन पर क्या बोले : राष्ट्रपति लोगों को संबोधित करते हुए अपने वेतन पर भी चुटकी लेने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा 5 लाख वेतन मिलता है, लेकिन पौने 3 लाख तो टैक्स में चला जाता है। टैक्स के बाद जितना बचता है उससे कहीं ज्यादा तो हमारे अधिकारियों को और टीचर्स को मिलता है। यहां शिक्षक भी बैठे हुए हैं। 
 
राज्यपाल, मुख्‍यमंत्री ने किया स्वागत : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कानपुर नगर आगमन पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर अंगवस्त्र भेंट कर उनका स्वागत किया।
 
कानपुर आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक राष्ट्रपति कोविंद कानपुर देहात जिले में अपने पैतृक गांव परौंख का दौरा करेंगे। वह रविवार को परौंख गांव में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। 28 जून को वह विशेष रेलगाड़ी से ही लखनऊ जाएंगे। राष्ट्रपति शुक्रवार दोपहर को कानपुर के लिए दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से विशेष ट्रेन में सवार हुए थे। बयान के अनुसार राष्ट्रपति की पहली ट्रेन यात्रा के दौरान उनके स्वागत के लिए मार्ग के स्टेशनों को सजाया गया था।
झींझक में करीबियों से की बात : कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने बताया कि विशेष ट्रेन कानपुर देहात के झींझक और रूरा स्टेशनों पर रुकी, जहां राष्ट्रपति ने अपने करीबी और पुराने परिचितों से बातचीत की। इन स्टेशनों पर राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया गया।
 
इससे पहले राष्ट्रपति भवन ने कहा था कि ट्रेन में सवार होने के साथ ही राष्ट्रपति अपनी पुरानी स्मृतियों को ताजा करेंगे, जिनमें उनके बचपन से लेकर देश के शीर्ष संवैधानिक पद तक पहुंचने तक का सात दशक का जीवनकाल शामिल होगा। 15 साल के अंतराल के बाद कोई मौजूदा राष्ट्रपति ट्रेन से यात्रा कर रहा हैं। इससे पहले 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के कैडेट्स की पासिंग आउट परेड में शामिल होने के लिए एक विशेष ट्रेन से दिल्ली से देहरादून के लिए रवाना हुए थे।
 
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने की थी पूरे देश की यात्रा : राष्ट्रपति भवन के अनुसार, रिकॉर्ड बताते हैं कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कई बार ट्रेन से सफर किया था। राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, उन्होंने बिहार की यात्रा के दौरान अपने जन्म स्थान सिवान जिले में जीरादेई का भ्रमण किया था। वह राष्ट्रपति की विशेष ट्रेन से छपरा से जीरादेई पहुंचे, जहां उन्होंने तीन दिन बिताए थे। उन्होंने ट्रेन से पूरे देश की यात्रा की थी।
 
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