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Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 29 दिसंबर 2024 (19:02 IST)

कांग्रेस पर भड़कीं प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा, बोलीं- पार्टी में आ चुकी है दरार, खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे पुराने नेता

Sharmishtha Mukherjee
Sharmishtha Mukherjee News : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस का ‘क्षरण’ हो चुका है और उन्होंने पार्टी में दुखद स्थिति पर गंभीर आत्मचिंतन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अफसोस जताया कि पार्टी की मौजूदा स्थिति और शीर्ष नेताओं के बीच विचारधारा की कमी के कारण कई पुराने कांग्रेस कार्यकर्ता आज अलग-थलग महसूस कर रहे हैं। शर्मिष्ठा ने यह भी सवाल उठाया कि उनके पिता के निधन के बाद कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक क्यों नहीं बुलाई गई और कोई प्रस्ताव क्यों पारित नहीं किया गया।
 
शर्मिष्ठा ने कहा कि उन्हें बुरा लगा जब उनके पिता के निधन के बाद सीडब्ल्यूसी की कोई बैठक नहीं बुलाई गई। सीडब्ल्यूसी कांग्रेस की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है। उन्होंने सवाल किया, कांग्रेस को इसके लिए जवाब देना होगा। मैं केवल तथ्य बता सकती हूं। लेकिन मैं बस इतना जोड़ना चाहती हूं कि मुझे नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया या सरासर लापरवाही थी। इतनी पुरानी पार्टी में क्या परंपराएं हैं?
शर्मिष्ठा ने कहा, यदि संस्थागत स्मृति का यह क्षरण हुआ है, यदि राहुल गांधी और उनके आसपास के लोग यह नहीं जानते कि कांग्रेस ने इन पूर्व स्थितियों में किस प्रकार कार्य किया, तो यह अपने आप में कांग्रेस के भीतर गंभीर और दुखद स्थिति है। कांग्रेस में नेहरू-गांधी परिवार के बाहर के नेताओं के योगदान को मान्यता देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि (पूर्व प्रधानमंत्री) पीवी नरसिंहराव के साथ क्या किया गया था।
 
उन्होंने कहा, कांग्रेस का पूरा तंत्र यानी उसका सोशल मीडिया, इस मुद्दे पर तथा कुछ अन्य मुद्दों पर मुझे और मेरे पिता को लगातार निशाना बना रहा था। मेरे और मेरे पिता जैसे सबसे बड़े नेताओं में से एक के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया, उससे पता चलता है कि कांग्रेस का वास्तव में क्षरण हो चुका है।
शर्मिष्ठा ने कहा, कांग्रेस को सोशल मीडिया पर ट्रोल करने की बजाय गंभीरता से आत्मचिंतन करना चाहिए कि मेरे जैसा व्यक्ति, जो कांग्रेस विचारधारा में कट्टर विश्वास करता था, आज पार्टी से अलग-थलग क्यों महसूस कर रहा है। इससे पहले, ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में शर्मिष्ठा ने कहा था, जब बाबा का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई।
 
एक वरिष्ठ नेता ने मुझसे कहा कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह पूरी तरह से बकवास है क्योंकि बाद में मुझे बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन के निधन पर, सीडब्ल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।
 
मनमोहन सिंह को भारत रत्न दिया जाना चाहिए : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक की स्थापना को लेकर उठे विवाद पर शर्मिष्ठा ने कहा कि वह इस विवाद में नहीं पड़ेंगी, क्योंकि वह अब कांग्रेस का हिस्सा नहीं हैं और उन्होंने राजनीति छोड़ दी है। हालांकि उन्होंने सिंह के लिए एक स्मारक बनाने की वकालत की और कहा कि देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मरणोपरांत दिया जाना चाहिए।
 
मैंने राजनीति छोड़ दी है : उन्होंने कहा, मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहूंगी, मैं अब कांग्रेस से जुड़ी हुई नहीं हूं, मैंने राजनीति छोड़ दी है। कांग्रेस को यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि राहुल गांधी ने क्या कहा है। मुखर्जी ने कहा, मुझे लगता है कि मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनाने की मांग पूरी तरह से उचित है। वह भारत में आर्थिक सुधारों के निर्माता थे, वह भारत की विकास गाथा के जनक थे, वह दो बार प्रधानमंत्री रहे।
मुखर्जी ने कहा, इसलिए मनमोहन सिंह के सम्मान में स्मारक बनाने की मांग पूरी तरह से उचित है। साथ ही, भारत के आम नागरिकों की ओर से मैं उनके लिए भारत रत्न की मांग करती हूं, वह इसके पूरी तरह से हकदार हैं। सिंह का 26 दिसंबर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। वह 92 वर्ष के थे। शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour