स्टेडियम के बाहर भगदड़ पर गरमाई सियासत, भाजपा ने मांगा सीएम का इस्तीफा, कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई
stampade in chinnaswamy stadium : आईपीएल में आरसीबी के जीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 33 अन्य घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। समिति को 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। बहरहाल भगदड़ पर देश की सियासत गरमा गई है। भाजपा इस मामले में सिद्धारमैया सरकार को जिम्मेदार मानते हुए इस्तीफे की मांग कर रही है जबकि कांग्रेस बैकफुट पर नजर जा रही है। इस बीच कर्नाटक उच्च न्यायालय ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। अदालत आज दोपहर 2.30 बजे मामले की सुनवाई करेगी।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कि इस पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। साथ ही डीके शिवकुमार को जनता से माफी मांगनी चाहिए। 300000 लोग वहां कैसे पहुंच गए? क्या उनके लिए परमिशन दी गई थी? जब पुलिस ने इजाजत नहीं दी, तब यह विक्ट्री मार्च कैसे हुआ?
बेंगलुरू भगदड़ पर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ये बेशर्मी है, इस पर जिम्मेदारी लेन के बदले कांग्रेस बेशर्मी से अपनी जिम्मेदारी का ठिकड़ा किसी ओर के माथे लगाती है। मुख्यमंत्री बोलते हैं कि मेरी क्या जिम्मेदारी है, उपमुख्यमंत्री भीड़ को दोष देते हैं। उन्होंने कहा कि इनपुट के अनुसार पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी फिर भी ये कार्यक्रम किसके दबाव में कराया गया? आज भीड़ और लोगों को दोष दिया जा रहा है लेकिन सीएम और उपमुख्यमंत्री की क्या जिम्मेदारी बनती है? इन्हें इस्तीफा देना चाहिए और जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
बेंगलुरु भगदड़ पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि हां, गलती हुई है। बेहतर योजना और समन्वय से इसे टाला जा सकता था। एक स्टेडियम (एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम) जिसकी क्षमता 35,000 लोगों की है, लेकिन 2-3 लाख लोग सड़कों पर उमड़ पड़े। हालांकि हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन हम भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाए। सीएम ने जिम्मेदारी ली है, और हम सुधारात्मक कदम उठाएंगे...भाजपा को हर चीज का राजनीतिकरण करना पसंद है...हर चीज का राजनीतिकरण करने की भाजपा की मंशा ठीक नहीं है।
बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम का आयोजन कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन ने किया था। स्टेडियम की क्षमता 35000 दर्शकों की है जबकि जश्न में शामिल होने के लिए 2 से 3 लाख लोग पहुंच गए बीसीसीआई ने भी हादसे से पल्ला झाड़ते हए कहा कि यह बीसीसीआई का कार्यक्रम नहीं था। आयोजकों को बेहतर तैयारी करनी था।
edited by : Nrapendra Gupta