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Last Updated :बेंगलुरू , गुरुवार, 5 जून 2025 (18:51 IST)

Bengaluru Stampede : 11 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? CM सिद्धारमैया ने कहा- 35000 की क्षमता, इकट्ठा हो गए 2-3 लाख लोग, चश्मदीद ने बताया कैसे मची भगदड़

हादसे के बाद राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप भी शुरू हो गए और भाजपा ने कांग्रेस नीत सरकार को हालात को सही ढंग से संभाल नहीं पाने के लिए दोषी ठहराया।

stampede
Bengaluru Stampede News : आरसीबी की पहली आईपीएल जीत का जश्न बुधवार को मातम में बदल गया जब चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर टीम की झलक पाने के लिए हजारों प्रशंसकों के जुटने के कारण मची भगदड़ में कम से कम 11 की मौत हो गई। 33 लोग घायल हो गए। भाजपा ने अव्यवस्था को लेकर कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया। इस हादसे के बाद राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप भी शुरू हो गए और प्रदेश में विपक्षी भाजपा ने कांग्रेस नीत सरकार को हालात को सही ढंग से संभाल नहीं पाने के लिए दोषी ठहराया। आरसीबी ने मंगलवार को अहमदाबाद में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के फाइनल में पंजाब किंग्स को 6  रन से हराकर अपना पहला खिताब जीता था।
क्या बोले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बेंगलुरू में चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 33 घायल हुए हैं। उन्होंने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्टेडियम की क्षमता 35,000 लोगों की है और 2-3 लाख लोग एकत्र हुए थे। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा पर इस त्रासदी को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। 
क्या स्लैब गिरने से हुआ हादसा 
कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि स्टेडियम के पास एक नाले पर रखे गए अस्थायी स्लैब के अचानक उस पर खड़े लोगों के वजन के कारण गिर जाने के कारण भगदड़ मची। यह भगदड़ तब हुई जब हजारों प्रशंसक अलग अलग दरवाजों से स्टेडियम के भीतर घुसने के लिए जमा हो गए। इस बीच खिलाड़ियों का सम्मान समारोह स्टेडियम के भीतर जारी रहा। पुलिस के लिए उन पर नियंत्रण कर पाना मुश्किल हो गया जिससे अफरा तफरी फैल गई और खुशी का माहौल गम में बदल गया। पुलिस ने कर्नाटक प्रदेश क्रिकेट संघ द्वारा रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के सम्मान में आयोजित समारोह से पहले स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए हल्का बलप्रयोग भी किया। 
अपनों को खोने वालों के नहीं थमे आंसू
स्टेडियम के बाहर लोगों के गिरने, पुलिस द्वारा घायलों को अस्पताल ले जाने और एंबुलेंस में लोगों के अचेत होने की तस्वीरें लगातार आती रही। अचेत हुए लोगों को सीपीआर देने के दृश्य भी सामने आए। घायलों को बोरिंग और लेडी कर्जन अस्पताल और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार मौत का कारण दम घुटना हो सकता है । अस्पताल में भी ह्र्दय विदारक दृश्य देखने को मिले जहां अपने प्रियजनों को खोने वाले लोग आंसुओं पर काबू नहीं रख पा रहे थे।
 
क्या बोला बीसीसीआई 
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने कहा कि आरसीबी की आईपीएल जीत के जश्न की बेहतर योजना बनाई जानी चाहिए थी । बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने पीटीआई से कहा कि इस स्तर के जीत के जश्न के आयोजन के लिये पर्याप्त एहतियात बरती जानी चाहिए थे और सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखना था। कहीं न कहीं तो कोई चूक हुई है। आईपीएल चेयरमैन अरूण धूमल ने कहा कि जिस भी जांच की जरूरत होगी, वह की जायेगी। यह बीसीसीआई का आयोजन नहीं था। यह दुखद और त्रासद है। जश्न यूं त्रासदी में बदल गया। अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति हमारी संवेदनायें। 
 
हड़बड़ी में बेचे गए टिकट
आनन फानन में आयोजित इस कार्यक्रम के टिकट भी हड़बड़ी में बेचे गए। मुख्य द्वार नंबर 12 और 13 के अलावा क्लब हाउस प्रवेश द्वार नंबर 10 पर भी भारी भीड़ जमा हो गई जिन पर नियंत्रण के लिये पर्याप्त सुरक्षाबल नहीं था। दोपहर साढे तीन बजे तक प्रशंसकों की संख्या कई गुना बढ गई जिससे पुलिस और स्टेडियम के सुरक्षा अधिकारियों को सारे दरवाजे बंद करने पड़े ताकि वे लोग भीतर नहीं आ सकें जिनके पास टिकट नहीं था। अपने दोस्तों के साथ आए पोस्ट ग्रेजुएट छात्र प्रशांत शेट्टी ने कहा कि हम अपने सितारों को देखने आये थे। मैने समारोह के टिकट लिये थे लेकिन भीतर नहीं जा सका। पुलिस ने अचानक सारे रास्ते और दरवाजे बंद कर दिये और मुख्य द्वार के पास लाठीचार्ज शुरू कर दिया। 
फैन ने बताया पूरा घटनाक्रम 
मुझे नहीं पता कि मेरी गलती क्या है ? हमारे पास टिकट थे।  आरसीबी के एक समर्थक ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर यह बात कही जो आईपीएल में टीम की जीत के जश्न को देखने आया था लेकिन भगदड़ में 11 प्रशंसकों की मौत के बाद का मातम देखकर स्तब्ध था।  
 
अपने दोस्तों के साथ आये पोस्ट ग्रेजुएट छात्र प्रशांत शेट्टी ने कहा कि हम अपने सितारों को देखने आये थे । मैने समारोह के टिकट लिए थे लेकिन भीतर नहीं जा सका। पुलिस ने अचानक सारे रास्ते और दरवाजे बंद कर दिये और मुख्य द्वार के पास लाठीचार्ज शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि हमारी क्या गलती थी। हमें समारोह का न्यौता मिला था , हमने टिकट खरीदे थे लेकिन मार और गालियां खाई । हमारे जैसे प्रशंसकों के लिये भयावह दिन।
मेट्रो स्टेशन से भीड़ 
करीब साढे चार बजे कुबोन पार्क मेट्रो स्टेशन से और भीड़ आ गई जिससे पुलिस को हल्का बलप्रयोग करना पड़ा । गेट नंबर दस पर बच्चे और महिला भगदड़ का शिकार हुए और पुलिस ने इस रिपोर्टर पर भी लाठी चलाई और स्थानीय भाषा में अपशब्द कहे । दूर से भी महिलाओं को बेहोश होकर गिरते देखना और प्रशंसकों को एक दूसरे को कुचलकर भागते देखना दुखद था। स्टेडियम के भीतर कार्यक्रम एक घंटे तक चला और टीम साढे छह बजे वापिस लौट गई लेकिन प्रशंसक स्टेडियम के पास ही रहे जिससे ट्रैफिक जाम हो गया और अफरा तफरी फैलती रही।
क्या पुलिस पर डाला गया दबाव
भाजपा की कर्नाटक इकाई के प्रमुख बी वाई विजयेंद्र ने सिद्धारमैया सरकार पर पुलिस पर दबाव डालने तथा बिना किसी तैयारी और पर्याप्त पुलिस तैनाती के समारोह आयोजित करने का आरोप लगाया। विजयेंद्र ने बेंगलुरु में कहा कि क्या तैयार रहना राज्य सरकार की जिम्मेदारी नहीं है?

क्या उन्हें पता नहीं था कि लाखों लोग समारोह में आएंगे? केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस घटना के लिए कर्नाटक सरकार को जिम्मेदार ठहराया और जवाबदेही तय करने की मांग की। कर्नाटक की धारवाड़ लोकसभा सीट से भाजपा सांसद जोशी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि खराब योजना और भीड़ के कुप्रबंधन के कारण इस तरह का नुकसान देखना दिल दहला देने वाला है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक की राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में स्पष्ट रूप से विफल रही है। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma