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मुंबई से पटना सुविधा ट्रेन का किराया 9 हजार 395 रुपए, जानिए क्‍या है वजह?

suvidha train
रेलवे यात्रियों की सहूलियत के लिए सुविधा ट्रेनें चला रहा है। इनके नाम से लगता है कि इन ट्रेनों में सुविधाजनक सफर होगा, लेकिन हकीकत में यह ट्रेनें यात्रियों के लिए दुविधा या कहें कि एक तरह से ‘असुविधा’ हो गई हैं।दरअसल, इन ट्रेनों का किराया इतना ज्‍यादा है कि इतने किराए में यात्री फ्लाइट बुक कर सकता है। मुंबई या इंदौर से पटना जाने वाला यात्री इतने किराए में प्‍लेन में अपनी सीट बुक कर सकता है। यही वजह है कि इंदौर से पटना या इंदौर- मुंबई से यूपी और बिहार के किसी शहर में जाने वाले यात्रियों को जमकर अपनी जेबें खाली करना पड़ रही हैं।

बता दें कि दिवाली और छठ पूजा को ध्‍यान में रखकर कुछ दिनों के लिए इन ट्रेनों को चलाने का फैसला रेलवे ने किया था। लेकिन ये खास तरह की सुविधा ट्रेनों में सफर करने वाले यात्री इसका किराया देखकर दुविधा में पड़ रहे हैं।

क्‍या कहते हैं रेलवे विभाग?
रेलवे पीआरओ, खेमराज मीणा ने वेबदुनिया को बताया कि यह सुविधा ट्रेनें दिवाली और छठ पूजा को ध्‍यान में रखकर चलाई गई थीं, कुछ दिन चलाकर इन्‍हें बंद कर दिया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि हालांकि इसका किराया ज्‍यादा होता है। इसके पीछे वजह है कि यह यात्रियों की सुविधा के लिए चलाई गई है, इसके साथ ही इसमें भोजन और दूसरे चार्ज मिलकर इनका किराया ज्‍यादा हो जाता है।

ट्विटर पर ट्रेंड हुआ सुविधा का किराया
सुविधा ट्रेनों में किराए को लेकर ट्विटर पर जमकर ट्रेंड चल रहा है, लोग इतने किराए को लेकर खासे नाराज हैं। कई लोगों ने ट्वीट कर कहा है कि आखिर रेलवे किस बात का इतना किराया ले रहा है। जनकल्याण की बात करने वाले रेल मंत्रालय को शर्म आनी चाहिए।

यह है मुंबई से पटना का किराया (क्‍लास-2 ए)
मुम्बई से पटना तक का रेल टिकट 9 हजार 395
बेस फेयर : 2 हजार 950
रिजर्वेशन चार्ज : 50 रुपए
सुपरफास्‍ट चार्ज : 45 रुपए
डायनॉमिक चार्ज : 5 हजार 900 रुपए
जीएसटी : 448 रुपए
कुल : 9 हजार 395
हमसफर से ज्‍यादा किराया सुविधा का : छठ पूजा के लिए मुंबई से पटना या बिहार के किसी शहर में जाने वाले यात्रियों को अब 'सुविधा' ट्रेन से काफी असुविधा होने लगी है। जिस श्रेणी में पटना से मुंबई जाने के लिए उन्हें हमसफर एक्सप्रेस में ज्‍यादा से ज्‍यादा 3500 रुपए तक किराया देना होता है, वहीं सुविधा एक्सप्रेस में यात्रा करने के लिए यात्रियों को अधिकतम किराया इसी श्रेणी में यात्रा करने के लिए 6400 रुपए तक वसूला जा रहा है।
इंदौर से पटना जाने वाले एक यात्री प्रभात रंजन तिवारी ने बताया कि छठ पूजा के समय सुविधा एक्सप्रेस का किराया चरम पर पहुंच चुका है। इन ट्रेनों में किराया साढ़े तीन गुना तक वसूला जा रहा है।

आम दिनों से कई गुना किराया : दरभंगा के यात्री रविंद्र मल्‍होत्रा ने बताया कि आम दिनों में पटना से मुंबई का किराया सुविधा एक्सप्रेस में एसी थ्री का बेस फेयर 1785 रुपए है, जबकि छठ पूजा के समय इसका किराया 6400 रुपए से भी ज्‍यादा हो रहा है। एसी टू का बेस फेयर 2600 रुपए है जबकि पूजा के दौरान पीक सीजन में यह 9000 का आंकड़ा पार कर चुका है।

बसों में भी बढ़ा किराया : स्लीपर श्रेणी का बेस फेयर 675 रुपए है। छठ पूजा के दौरान इसका किराया बढ़कर 2300 रुपए से अधिक तक पहुंच चुका है। जबकि हमसफर एक्सप्रेस में फ्लेक्सी सिस्टम लागू होने के बावजूद न्यूनतम किराया जहां 2475 रुपए है और अधिकतम किराया 3600 रुपए के आसपास ही रह रहा है।

फ्लाइट से ज्‍यादा हुआ ट्रेन का किराया : अगर ट्रेन और फ्लाइट के किराए की तुलना करे तो सुविधा ट्रेन का किराया प्‍लेन से भी ज्‍यादा हो रहा है। छठ पूजा के समय मुबंई से पटना आने का किराया जहां इंडिगो व गो एयर से 7 हजार 617 से लेकर 9 हजार 246 तक के बीच है। वहीं, ट्रेन से जाने में 31 घंटे लगेंगे जबकि प्लेन से जाने में ढाई से चार घंटे लगेंगे।

क्‍यों लग रहा इतना किराया : दरअसल, प्रीमियम ट्रेन में राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी, हमसफ़र एक्सप्रेस और दुरंतो जैसी ट्रैनें शामिल हैं। इन ट्रेनों में डायनामिक किराया लगाया जाता है। सुविधा एक्सप्रेस में 20 फीसदी सीट बुक हो जाने के बाद किराया बढ़ा दिया जाता है। बीस फीसदी से चालीस फीसदी टिकट बुक होने पर उन टिकटों पर डेढ़ गुना किराया लगता है और 40 फीसदी से 60 फीसदी टिकट बुक होने पर टिकट की कीमत लगभग दोगुनी हो जाती है।

वजह बताई जा रही है कि जैसे-जैसे टिकट की मांग बढ़ती है, टिकट के दाम भी बढ़ने लगते हैं और 80 फीसदी से ऊपर टिकट बुक होने पर टिकट की कीमत बेसिक कीमत से करीब 3 गुना बढ़ जाती है। इस साल भी बढ़ती मांग के कारण टिकटों के दाम भी बढ़ते चले गए और 17 अक्टूबर का टिकट जो कि 2 हजार 381 रुपए था, वो अब 9 हजार 135 रुपए का हो गया। ऐसे में अब छठ पर अपने घर जाने वाले बिहार और यूपी के यात्रियों के हाल बेहाल हो गए हैं। यहां तक कि पूजा और दिवाली के बाद वापस लौटने वाले यात्रियों की जेब भी जमकर खाली होगी।
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