सेनाधिकारियों का मानना था कि पहले कभी इतनी संख्या में उस पार से हथगोले नहीं भेजे गए थे। उड़ी में तैनात एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि उन्हें हथगोलों तथा पिस्तोलों को एलओसी के पार भिजवाना आसान लगता है क्योंकि न तो यह ज्यादा भारी होते हैं और न ही ज्यादा जगह घेरते हैं।
मारे गए 7 आतंकवादियों एवं एक जिंदा पकड़े गए आतंकवादी से करीब 150 हथगोले बरामद किए गए हैं। सिर्फ तीन से ही 70 से अधिक बरामद हुए हैं। हालांकि इस बार एलओसी पर होने वाली मुठभेड़ों में मारे गए आतंकियों से एके राइफलें कम ही मिली हैं। उनके स्थान पर पिस्तौलें ही बरामद हुई हैं।
अगर अधिकारियों की मानें तो कश्मीर में हथगोलों के हमले बढ़े हैं। आधिकारिक आंकड़ा इसकी भी पुष्टि करता है कि आतंकी अब ब्लैंक रेंज से हमलों की खातिर पिस्तौलों का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। सिर्फ मारे गए आतंकियों के कब्जे से ही नहीं बल्कि पिछले एक पखवाड़े के दौरान पकड़े गए ओवर ग्राउंड वर्करों के अतिरिक्त जिन आतंकी ठिकानों का भंडाफोड़ हुआ है, वहां से भी हथगोले और पिस्तौलें अधिक मात्रा में बरामद हुए हैं।
एक सूत्र के बकौल, हथगोलों तथा पिस्तौलों का इस्तेमाल नए भर्ती किए गए आतंकियों को प्रशिक्षण के लिए भी इस्तेमाल किए जाने लगे हैं। वे उन्हें हथगोला या पिस्तौल देकर हमलों के लिए भिजवा रहे हैं। कई ऐसे हमलों में प्रशिक्षु आतंकी कामयाब भी हो रहे हैं।