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Last Updated : शनिवार, 23 अप्रैल 2022 (17:28 IST)

शताब्दी के मुसाफिरों को दिया ‘विवादास्‍पद कंटेंट’ वाला अखबार, यात्रियों के विरोध पर IRCTC को देनी पडी सफाई

शताब्दी के मुसाफिरों को दिया ‘विवादास्‍पद कंटेंट’ वाला अखबार, यात्रियों के विरोध पर IRCTC को देनी पडी सफाई - Newspaper with controversial content given to the passengers
शताब्दी एक्सप्रेस से चेन्नई के लिए सफर करने वाले मुसाफिरों को शुक्रवार को ट्रेन में एक विवादास्‍पद अखबार पढ़ने को दिया गया। हालांकि ट्रेन में इस अखबार के वितरण की अनुमति भी नहीं थी। दरअसल, मीडिया की जानकारी के मुताबिक इस अखबार का नाम ‘आर्यावर्त एक्सप्रेस’ है।

‘आर्यावर्त एक्‍सप्रेस’ में कुछ विवादास्पद सांप्रदायिक लेख थे, इसे ट्रेन में बांटने की जानकारी सामने आने के बाद IRCTC ने सर्विस लाइसेंस धारक को चेतावनी जारी की है।

बता दें कि आर्यावर्त एक्सप्रेस के लेखों का शीर्षक कुछ इस तरह था- ‘मुस्लिम शासन में हिंदू, सिख, बौद्धों के नरसंहार को पहचाना जाना चाहिए’

‘संयुक्त राष्ट्रसंघ को औरंगजेब को हिटलर की तरह नरसंहार को अंजाम देने वाला करार दिया जाना चाहिए’
इसके बाद कुछ यात्रियों ने न्यूजपेपर पर सवाल करते हुए ट्वीट कर रेलवे से जानकारी मांगी। यात्रियों ने शिकायत में कहा कि उन्होंने कभी इस अखबार के बारे में नहीं सुना, इसके बावजूद यह दिया जा रहा है।

इसके बाद डीआरएम चेन्नई ने ट्वीट करते हुए यात्रियों को अनाधिकृत अखबार दिए जाने के मामले की जांच का निर्देश दिया।

वहीं इंडियन एक्सप्रेस अखबार के हवाले से बताया गया कि ट्रेन में अखबार की आपूर्ति का ठेका लेने वाले पी के शेफी ने बताया कि यह पेपर वेंडर द्वारा अधिकृत अखबार के साथ सप्लीमेंट के तौर पर वितरित किया गया था। लेकिन जिन यात्रियों को यह अखबार मिला, उन्होंने इसके सप्लीमेंट के तौर पर मिलने की बात से इंकार किया।

दूसरे यात्रियों ने भी जब इस तरह के प्रोपगेंडा अखबार के मिलने की शिकायत की, तो आईआरसीटी ने जवाब में कहा कि उसने कार्रवाई की है और ठेकेदार के लाइसेंस की काउंसलिंग की गई है। साथ में वेंडर को भी चेतावनी दी गई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं का दोहराव ना हो। लेकिन बाद में आईआरसीटीसी ने अपना ट्वीट भी डिलीट कर दिया।

जब इंडियन एक्सप्रेस ने इस बारे में आईआरसीटीसी से सवाल किया, तो उनके एक प्रवक्ता ने कहा कि काउंसिल शब्द सही मतलब नहीं पहुंचा पा रहा था, इसलिए ट्वीट को डिलीट किया गया। अब आईआरसीटी यह जांच कर रही है कि यह अखबार ट्रेन में कैसे सप्लाई किया गया था।