मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम की घटना से देशभर में हड़कंप मचा हुआ है। बालिका गृह के संचालक बृजेश ठाकुर को 31 मई को गिरफ्तार किया गया था, जबकि 28 जुलाई को वहां छापा डालकर पीड़ित बालिकाओं को रिहा करवाया गया। आइए नजर डालते हैं, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम हादसे से जुड़ी हर जानकारी...
4 अगस्त : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म मामले में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुला खत लिखा। उन्होंने कहा कि मैं दुखी हूं, जिन बच्चियों की खिलौनों से खेलने की उम्र थी, वे खुद खिलौना बन गईं। मैं सात बहनों का भाई भी हूं। इस अमानवीय घटना से मैं सो नहीं पाया हूं।
4 अगस्त : दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दोषियों के खिलाफ जोरदार कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर नीतीश कुमार को पत्र लिखा। मालीवाल ने लिखा कि बालिका गृह की बेटियों की चीखें मुझे पिछले कई दिनों से सोने नहीं देतीं।
2 अगस्त : उच्चतम न्यायालय ने बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बालिका आश्रय गृह में बालिकाओं के साथ कथित तौर पर बलात्कार की घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केन्द्र सरकार और बिहार सरकार को गुरुवार को नोटिस जारी किए। न्यायालय ने मीडिया को भी नसीहत दी कि वह पीड़ित बालिकाओं की किसी भी रूप में धुंधली अथवा बदली तस्वीरों और वीडियो का प्रसारण न करें।
31 जुलाई : मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर के गैरसरकारी संगठन द्वारा संचालित एक अन्य स्वयं सहायता समूह के परिसर से 11 महिलाओं के लापता होने के बाद ठाकुर के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई।
28 जुलाई : शेल्टर होम पर छापा मारकर 42 लड़कियों को रिहा कराया गया। इन लड़कियों में से 29 के साथ रेप की पुष्टि हुई थी, जबकि 3 लड़कियां प्रेग्नेंट मिली और 3 का अबॉर्शन कराया गया था।
28 जुलाई : बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की दुष्कर्म पीड़ित मासूम बच्चियों ने अपनी दर्दभरी आपबीती सुनाई। दस साल की रेप पीड़ित बच्ची ने कहा कि क्रूरता और दुष्कर्म की वजह से वह कई दिनों तक चल नहीं पा रही थी। इतना ही नहीं, जांच में लड़की की गुप्तांग पर निशान पर भी मिले। पीड़ित लड़की ने शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट को बताया कि सूरज डूबने के बाद जैसे ही अंधेरा होता था, सभी लड़कियां डरी हुई रहती थीं।
26 जुलाई : बिहार पुलिस ने मामले में 10 लोगों के खिलाफ पोक्सो कानून के तहत मुजफ्फरपुर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इसी दिन नीतीश कुमार सरकार की ओर से केस में सीबीआई जांच की सिफारिश भी की गई।
31 मई : पुलिस ने शेल्टर होम के मालिक ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में ब्रजेश मुख्य आरोपी है। 31 मई को इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। ठाकुर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में तीन अखबार भी चलाता था, जिनकी मान्यता राज्य सूचना और जनसंपर्क विभाग की ओर से समाप्त कर दी गई है।