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Last Modified: शनिवार, 14 मई 2022 (13:44 IST)

मुंडका अग्निकांड में लापता मोनिका तिवारी ने पिछले महीने ही पैकेजिंग कंपनी में शुरू किया था काम

मुंडका अग्निकांड में लापता मोनिका तिवारी ने पिछले महीने ही पैकेजिंग कंपनी में शुरू किया था काम - Monika Tiwari, missing in Mundka fire, started work in packaging company last month
नई दिल्ली। दिल्ली के मुंडका में एक व्यावसायिक इमारत में आग लगने की घटना के बाद व्याकुल परिजन को अपने प्रियजनों के बारे में सूचना का इंतजार है। कुछ लोग अपनों की तलाश में शुक्रवार की रात संजय गांधी अस्पताल पहुंचे। इस बीच, खबर है कि इस हादसे के बाद 24 महिलाओं सहित 29 लोग अब भी लापता हैं। साथ ही मृतकों की संख्‍या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट की मदद ली जाएगी। 
 
इनमें प्रवीण के परिवार के सदस्य भी शामिल हैं, जिन्होंने बताया कि शुक्रवार को मुंडका की इमारत में आग लगने के बाद से वह उसकी तलाश कर रहे हैं। उनके परिवार ने कहा कि हमें नहीं पता कि वह कहां है। अस्पताल के अधिकारी भी कुछ नहीं बता रहे हैं। प्रवीण का फोन नहीं मिल रहा है। हम बस उम्मीद कर रहे हैं कि वह ठीक हो।
 
मुंडका स्थित इमारत की पहली मंजिल में आग लगी जहां सीसीटीवी कैमरे और राउटर बनाने की कंपनी का कार्यालय है। ऐसा संदेह है कि वातानुकूलित यंत्र (एसी) में धमाका होने से आग लगी होगी। 21 वर्षीय मोनिका तिवारी घटना के बाद से लापता हैं। उन्होंने पिछले महीने ही कंपनी में काम शुरू किया था।
 
7 बजे तक बहन घर नहीं लौटी तो शुरू की तलाश : उनके भाई अजित तिवारी ने कहा कि उसने पिछले महीने सीसीटीवी कैमरा पैकेजिंग ईकाई में काम शुरू किया था और बृहस्पतिवार को उसे पहली तनख्वाह मिली थी। हमें आग लगने के बारे में शाम 5 बजे सूचना मिली लेकिन यह अंदाजा नहीं था कि आग उसके कार्यालय की इमारत में ही लगी है। जब वह शाम सात बजे तक घर नहीं लौटी तो हमने उसकी तलाश शुरू की।
 
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की रहने वाली मोनिका अपने दो भाइयों और एक बहन के साथ दिल्ली के अगर नगर में रहती है। इनमें से एक अजित तिवारी ने बताया कि उनकी बहन मोनिका (21) घटना के बाद से लापता है।
 
तिवारी ने कहा कि उसने पिछले महीने सीसीटीवी कैमरा पैकेजिंग ईकाई में काम शुरू किया था और बृहस्पतिवार को उसे पहली तनख्वाह मिली थी। हमें आग लगने के बारे में शाम 5 बजे सूचना मिली लेकिन यह अंदाजा नहीं था कि आग उसके कार्यालय की इमारत में ही लगी है। जब वह शाम सात बजे तक घर नहीं लौटी तो हमने उसकी तलाश शुरू की।
 
मैं बहुत भाग्यशाली हूं, जो बच गया : इमारत के एक कार्यालय में काम करने वाले अंकित ने कहा कि जब आग लगी तब दूसरी मंजिल पर एक ‘प्रेरक सत्र’ चल रहा था। उसने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैं बच गया। मैं भी अपनी जान गंवा सकता था। जब हमें आग लगने का पता चला तब इमारत की दूसरी मंजिल पर एक प्रेरक सत्र चल रहा था। हमने खिड़कियों के शीशे तोड़े और किसी तरह भाग निकले।
 
एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि उसकी एक रिश्तेदार लापता है, जबकि कुछ ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया। इस बीच, दिल्ली दमकल सेवा (डीएफएस) के अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को एक तलाशी अभियान के दौरान इमारत की दूसरी मंजिल पर जले हुए मानव अवशेष पाए गए।
 
उन्होंने बताया कि फिलहाल दमकल की दो गाड़ियां शीतलन अभियान के लिए मौके पर हैं। गर्ग ने बताया कि हमारे दमकलकर्मियों को तलाश अभियान के दौरान दूसरी मंजिल से जले हुए शव मिले हैं। लेकिन हम यह कह नहीं सकते कि एक शव है या कई शव हैं। हालांकि आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन प्रतीशन और खोज अभियान चल रहा है।
पुलिस ने 2 लोगों को किया गिरफ्तार : उपायुक्त (बाहरी) समीर शर्मा ने बताया कि कंपनी के मालिक हरीश गोयल और विजय गोयल को घटना के संबंध में गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 120 (दंडनीय अपराध को अंजाम देने की योजना छिपाने) और 34 (साझा मंशा) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
 
डीसीपी ने बताया कि इमारत की सभी मंजिलों का इस्तेमाल यही कंपनी कर रही है। इमारत के मालिक मनीष लाकड़ा पर भी मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि तलाश अभियान चल रहा है। 12 घायलों में से एक को छोड़कर शेष की पहचान हो गई है।
 
पश्चिमी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी सूची के अनुसार, घायलों में सतीश (38), प्रदीप (36), आशु (22), हरजीत (23), नितिन (24), अविनाश (29), संध्या (22), धनवती (21), बिमला (43), आयशा (24) और ममता (52) शामिल हैं। यह आग मुंडका मेट्रो स्टेशन के पिलर नंबर 544 के निकट लगी।
 
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