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Last Modified: गुरुवार, 21 जुलाई 2022 (18:04 IST)

भाजपा की कैद से मुक्त होकर 2024 में जनता की सरकार लाएं : ममता बनर्जी

भाजपा की कैद से मुक्त होकर 2024 में जनता की सरकार लाएं : ममता बनर्जी - Mamta Banerjee said, get rid of BJP's captivity and bring people's government in 2024
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी नीत नरेंद्र मोदी सरकार पर गुरुवार को निशाना साधते हुए कहा कि जनता 2024 के लोकसभा चुनावों में उसे (भाजपा को) केंद्र की सत्ता से बाहर कर देगी।उन्‍होंने लोगों से अपील की कि भाजपा की कैद से मुक्त हो जाइए, 2024 में जनता की सरकार लाइए।

यहां तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की विशाल शहीद दिवस रैली में बनर्जी ने देश के संस्थानों को बर्बाद करने का भी भाजपा पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिनकी भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में कोई भूमिका नहीं थी, वे देश का इतिहास फिर से लिखने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, भाजपा को 2024 में जनादेश से सत्ता से हटा दिया जाएगा। उन्हें पराजित किया जाएगा। मैं दृढ़तापूर्वक कहती हूं कि भाजपा को अकेले अपने दम पर बहुमत नहीं मिलेगा और जब ऐसा होगा तो अन्य दल अगली सरकार बनाने के लिए एकजुट हो जाएंगे।

टीएमसी सुप्रीमो ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच लोगों से अपील की, भाजपा की कैद से मुक्त हो जाइए, 2024 में जनता की सरकार लाइए। बनर्जी ने अनाज, दाल और आटा जैसे खाद्य पदार्थों के 25 किलोग्राम से कम वजन के सभी तरह के पैकेट पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए इसे जन विरोधी कदम बताया।

उन्होंने कहा, जब भाजपा हर चीज, यहां तक कि मूड़ी और दुग्ध पाउडर पर जीएसटी लगा रही है तो लोग क्या खाएंगे। इस देश में गरीब कैसे जीएगा? भाजपा को चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उन्होंने महाराष्ट्र की तरह बंगाल सरकार को गिराने की कोशिश की तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।

बनर्जी ने रैली में रवींद्रनाथ टैगोर को उद्धृत करते हुए कहा, मन मस्तिष्क जहां निर्भय हो, गर्व से मस्तक ऊंचा हो...। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को हमारी (बंगाल की) भर्ती प्रक्रिया में खामियां नजर आती हैं, लेकिन रेलवे, केंद्र सरकार के विभागों में हो रहीं भर्तियों के बारे में क्यों कुछ नहीं कहा जाता।

इस बीच, टीएमसी के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल के बाहर अपना विस्तार करने की योजनाएं जारी रखेगी और 2024 के लोकसभा चुनावों में राज्य के बाहर भी सीट जीतेगी।

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव ने यहां शहीद दिवस रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों के लिए टिकट योग्यता के आधार पर दी जाएंगी न कि सिफारिशों पर। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग को भ्रष्टाचार के खिलाफ आगाह किया और कहा कि कोई भी पार्टी के अनुशासन से ऊपर नहीं है।

उन्होंने कहा, मुझे एक साल पहले पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था और पश्चिम बंगाल के बाहर पार्टी के विस्तार का जिम्मा सौंपा गया था। मैं तब तक नहीं रुकने वाला, जब तक कि देश में हर गली-नुक्कड़ पर हमारी पार्टी की मौजूदगी नहीं दिखती। हम अगले लोकसभा चुनावों में राज्य के बाहर भी सीट जीतेंगे।

इससे पहले, बड़ी संख्या में लोग सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की विशाल शहीद दिवस रैली के लिए एस्प्लेनेड में एकत्र हुए। यह रैली गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की जा रही है। कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद यह वार्षिक रैली की जा रही है और टीएमसी के उत्साहित समर्थकों ने ट्रेन, बसों तथा निजी वाहनों से सुबह चार बजे से ही आयोजन स्थल पर पहुंचना शुरू कर दिया। इनमें से कई लोग रैली के लिए दो दिन पहले ही शहर में पहुंच गए हैं।

टीएमसी कार्यकर्ताओं को भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन से हावड़ा और सियालदह के दो टर्मिनल स्टेशनों पर पहुंचते हुए देखा गया। वे पार्टी के झंडे और बनर्जी के पोस्टर लिए हुए थे तथा पारंपरिक ‘ढाक’ और शंख बजा रहे थे। रैली के दौरान शहर में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए कम से कम 4500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

इस साल यह रैली इसलिए भी खास है क्योंकि यह 2021 के विधानसभा चुनावों में टीएमसी की शानदार जीत और लगातार तीसरी बार पार्टी के सत्ता में लौटने के बाद यह पहली बार आयोजित की जा रही है। बनर्जी ने बुधवार को कहा था कि शहीद दिवस रैली केंद्र के निरंकुश शासन के खिलाफ होगी।

टीएमसी 1993 में तत्कालीन वाम मोर्चे की सरकार के खिलाफ युवा कांग्रेस की रैली के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गए 13 लोगों की याद में हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाती है। इस घटना के वक्त बनर्जी युवा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष थीं।

वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को निर्देश दिया था कि शहीद दिवस रैली आयोजित करते समय पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के दिशानिर्देशों का पालन किया जाए।

अदालत एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि 21 जुलाई को कोलकाता में होने वाली रैली में लगभग 15 से 20 लाख लोग शामिल होने जा रहे हैं। राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर याचिका के जरिए राज्य सरकार को पर्याप्त एहतियाती कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।(भाषा) 
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