गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. mafia Mukhtar Ansari convicted in Awadhesh Rai murder case
Written By
Last Updated : सोमवार, 5 जून 2023 (12:31 IST)

मुख्तार अंसारी अवधेश राय हत्याकांड में दोषी, 32 साल पहली थाने से 50 मीटर दूर हुई थी हत्या

मुख्तार अंसारी अवधेश राय हत्याकांड में दोषी, 32 साल पहली थाने से 50 मीटर दूर हुई थी हत्या - mafia Mukhtar Ansari convicted in Awadhesh Rai murder case
Mukhtar Ansari News : वाराणसी की MP MLA कोर्ट ने सोमवार को अवधेश राय हत्याकांड में मुख्‍तार अंसारी को दोषी करार दिया। उन्हें दोपहर 2 बजे सुजा सुनाई जाएगी।
 
उल्लेखनीय है कि 3 अगस्त 1991 को पूर्व विधायक अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की घर के बाहर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 32 साल पहले चेतगंज थाने से 50 मीटर दूर हुए इस हत्याकांड से हड़कंप मच गया था। 
 
बीते एक साल में मुख्तार अंसारी को 4 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें गैंगस्टर व अन्य मामले हैं।

मुख्‍तार के बाहुबली से नेता बनने की कहानी : मुख्‍तार अंसारी 5 बार विधायक चुने गए। इनमें से 4 बार वो मऊ से लगातार विधायक रहे हैं। एक बार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर, 2 बार निर्दलीय और एक बार खुद की बनाई पार्टी कौमी एकता दल से।
 
मुख्‍तार अंसारी ने राजनीति की शुरुआत छात्र रहते हुए की लेकिन जनप्रतिनिधि बनने से पहले उनकी पहचान एक दबंग या माफिया के रूप में हो चुकी थी। 1988 में पहली बार उनका नाम हत्या के एक मामले में आया। हालांकि इस मामले में उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत पुलिस नहीं जुटा पाई लेकिन इस घटना से मुख्‍तार अंसारी चर्चा में आ गए।
 
मुख्‍तार अंसारी पर आरोप है कि वो गाजीपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के सैकड़ों करोड़ रुपए के सरकारी ठेके आज भी नियंत्रित करते हैं।
 
1995 में मुख्तार अंसारी ने राजनीति की मुख्यधारा में कदम रखा। 1996 में वो मऊ सीट से पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए। उसी समय माफिया ब्रजेश सिंह से मुख्‍तार अंसारी के गुट के टकराव की भी खासी चर्चा रहीं।
 
बताया जाता है कि अंसारी के राजनीतिक प्रभाव का मुकाबला करने के लिए ब्रजेश सिंह ने बीजेपी नेता कृष्णानंद राय के चुनाव अभियान का समर्थन किया। राय ने 2002 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मोहम्मदाबाद से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को हराया था।
 
बाद में कृष्णानंद राय की हत्या हो गई और उसमें मुख्‍तार अंसारी को मुख्य अभियुक्त बनाया गया। कृष्णानंद राय की हत्या के सिलसिले में उन्हें दिसंबर 2005 में जेल में डाला गया था, तब से वो बाहर नहीं आए हैं। उन पर हत्या, अपहरण, फिरौती समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
ये भी पढ़ें
बीते महीने सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में 13 वर्षों की दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि: पीएमआई