नायडू को उपराष्ट्रपति बनाने के पीछे 'साजिश'
अमरावती। केंद्र में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए गए एम. वेंकैया नायडू ने इन बातों को खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें इस शीर्ष पद के लिए इसलिए नामित कर दिया, क्योंकि उन्हें डर था कि वे 2019 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं ।
इन दावों को ‘कोरी बकवास’ करार देते हुए नायडू ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वे ‘देश को भगवान का वरदान’ हैं और फैसले हमेशा सामूहिक तौर पर लिए जाते हैं। नायडू ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि ‘यह कोरी बकवास है। मोदी, शाह और हम सभी सामूहिक तौर पर फैसला करते हैं। असल में दोनों हर अहम मामले पर मुझसे विचार-विमर्श करते थे। उन्होंने कहा कि चूंकि भारत के राष्ट्रपति उत्तर भारत से हैं, प्रधानमंत्री पश्चिम भारत से हैं, लोकसभा स्पीकर मध्य भारत से हैं, इसलिए मोदी चाहते थे कि उप-राष्ट्रपति दक्षिण भारत से हों।
नायडू ने कहा कि वे यह भी चाहते थे कि उप-राष्ट्रपति पद के लिए किसान परिवार का कोई व्यक्ति हो। और एक ऐसा व्यक्ति जो राज्यसभा प्रभावी तरीके से चला सके। मोदी की सोच तार्किक है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा था कि (उपराष्ट्रपति पद के लिए) कोई विकल्प नहीं है और इसलिए उन्हें चुना गया। विपक्ष ने पूर्व आईएएस अधिकारी और महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी को अपना उम्मीदवार बनाया है। उप-राष्ट्रपति पद के लिए पांच अगस्त को चुनाव होने वाले हैं। (भाषा)