Weather Updates: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि पंजाब, उत्तरप्रदेश और गुजरात समेत अनेक राज्यों में भारी वर्षा की संभावना है। दूसरी ओर ओडिशा के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगस्त के महीने में लगातार 15 दिन तक बारिश हुई।
आईएमडी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में अगस्त की शुरुआत से लेकर शुक्रवार तक हल्की से लेकर भारी बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों से पता चला है राजधानी में 1 से 15 अगस्त गुरुवार के बीच हर दिन बारिश हुई है।
मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर शुक्रवार रात को बारिश होने की संभावना है। राजधानी के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग में 15 अगस्त और 16 अगस्त को सुबह 8.30 बजे के बीच 13.6 मिमी बारिश हुई, पालम में 28.5 मिमी, आयानगर में 18.6 मिमी और नरेला में 9.5 मिमी वर्षा हुई।
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से 1.4 डिग्री अधिक है। राजधानी में शाम 5.30 बजे तक सापेक्षिक आर्द्रता का स्तर 70 प्रतिशत दर्ज किया गया।
दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली नगर निगम के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे के बीच जलभराव और पेड़ गिरने की 7-7 शिकायतें मिलीं। दिल्ली के पालम, रोहिणी और आदर्श नगर सहित कई इलाकों में जलभराव हो गया जबकि द्वारका, अशोक विहार, मालवीय नगर और लाजपत नगर से पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आईं।
दिल्ली को अगले 7 दिन तक 'ग्रीन जोन' में रखा गया है। मौसम विभाग ने राजधानी में शनिवार को बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। उसने बताया कि दिल्ली में शनिवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान 35 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है।
राजस्थान के कुछ संभागों में अति भारी बारिश होने की संभावना : जयपुर से मिले समाचारों के अनुसार राजस्थान के जोधपुर, अजमेर और बीकानेर संभागों के कुछ हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है। जयपुर मौसम केंद्र के प्रभारी और प्रवक्ता राधेश्याम शर्मा ने यह जानकारी दी। राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के चलते नागौर, बीकानेर में जर्जर मकान गिर गए जबकि जयपुर में एक जर्जर मकान को नगर निगम ने गिरा दिया। जोबनेर में पानी के कटाव के कारण एक मकान ढह गया।
पुलिस के अनुसार इन हादसों में कोई जनहानि नहीं हुई। पाली के सोजत में तेज बहाव में कार बह गई। लोगों ने कार और चालक को बाहर निकाला। चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में गुरुवार को तेज बारिश के चलते 50 से अधिक लोग पाड़ाझर झरने में फंसे गए और उन्हें एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित बचा लिया।
पुलिस ने बताया कि गुरुवार को कई लोग जंगल में झरने पर गए थे, लेकिन झरने का रास्ता पानी में डूब जाने के कारण वे जंगल में ही फंस गए। एसडीआरएफ की टीम का एक वाहन भी कीचड़ में फंस गया। सभी 53 लोगों को शुक्रवार सुबह सुरक्षित बचा लिया गया।
दूदू जिले के फागी थानाक्षेत्र में भारी बारिश के कारण एक सरकारी स्कूल में फंसे 30 बच्चों को शुक्रवार सुबह जयपुर के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ने सभी छात्रों को उनके घर पहुंचाया। दूदू के सर्कल अधिकारी दीपक खंडेलवाल ने बताया कि फागी के सरकारी विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में भाग लेने आए करीब 30 बच्चे भारी बारिश के कारण स्कूल भवन में रुके हुए थे। रात को वे अपने-अपने परिचितों के घर चले गए थे और शुक्रवार सुबह वापस विद्यालय आए थे। उन्हें पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) शांतनु कुमार ने उनके घर सुरक्षित पहुंचाया।
जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार शुक्रवार सुबह से शाम 5.30 बजे तक फलोदी में 43.2 मिलीमीटर, जैसलमेर में 14.4 मिमी, अलवर में 14.2 मिमी, पिलानी में 12.1 मिमी, श्रीगंगानगर में 12 मिमी, बीकानेर में 10.6 मिमी, बारिश दर्ज की गई। अलवर, सीकर, करौली, कोटा, भीलवाड़ा, टोंक, जैसलमेर और बाड़मेर जिलों के कुछ स्थानों पर शुक्रवार सुबह तक हल्की से मध्यम बारिश हुई।
जयपुर मौसम केंद्र के प्रवक्ता शर्मा के अनुसार बीते 24 घंटे के दौरान जयपुर, दौसा, बारां, नागौर, जोधपुर, बीकानेर, पाली और सवाई माधोपुर जिलों में कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश हुई। प्रवक्ता के अनुसार शुक्रवार पूर्वी राजस्थान में सबसे अधिक बारिश बूंदी जिले के हिंडोली में 220 मिमी और पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर के कोलायत में 172 मिमी दर्ज की गई। इस दौरान कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।
प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार से राज्य के कई जिलों और संभागों में भारी बारिश के थमने की संभावना है। इन संभागों में 17 से 22 अगस्त के दौरान अधिकतर हिस्सों में आसमान साफ रहने और धूप खिलने की प्रबल संभावना है। शर्मा ने बताया कि अगस्त के आखिरी सप्ताह में भारी बारिश का एक और दौर आने की संभावना है।
ओडिशा के कई हिस्सों में भारी बारिश : भुवनेश्वर से मिले समाचारों के अनुसार बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव क्षेत्र बनने के कारण शुक्रवार को ओडिशा के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दक्षिण बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के गंगा नदी क्षेत्र पर चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से शुक्रवार सुबह उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन गया।
मौसम विभाग ने कहा कि इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण मध्य-क्षोभमंडल स्तर तक पहुंच गया और इसकी दिशा दक्षिण-पश्चिम की ओर है। आईएमडी ने कहा कि अगले 2 से 3 दिनों में इसके गांगेय पश्चिम बंगाल और झारखंड से होते हुए पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।
मौसम विभाग ने क्योंझर, सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, संबलपुर, बारगढ़, देवगढ़, अंगुल में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया है। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) ने कहा कि बालासोर, भद्रक, मयूरभंज और केंद्रपाड़ा में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है और निचले इलाके जलमग्न हो सकते हैं।
एसआरसी ने संबंधित जिलाधिकारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक तंत्र तैयार रखने के निर्देश दिए। एसआरसी ने जिलाधिकारियों से कहा कि नालियों और जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त रखना होगा और पर्याप्त पंप की व्यवस्था की जानी चाहिए।
समुद्र तल पर मानसून ट्रफ अब गंगानगर, दिल्ली, लखनऊ, सुल्तानपुर, गया, बांकुरा, दीघा और वहां से पूर्व-दक्षिण पूर्व वार्डों से होकर पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी तक जाती है। एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण बांग्लादेश और उससे सटे गंगीय पश्चिम बंगाल पर बना हुआ है, जो औसत समुद्र तल से 4.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है।
इसके प्रभाव से उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और पश्चिम बंगाल तथा बांग्लादेश के आसपास के इलाकों में एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके और अधिक चिह्नित होने की संभावना है और अगले 2 से 3 दिनों के दौरान गंगीय पश्चिम बंगाल और झारखंड में पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ सकता है।
एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्वोत्तर राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है, जो समुद्र तल से 4.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। एक और चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी गुजरात और निकटवर्ती दक्षिणी राजस्थान पर है। एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे दक्षिण केरल तट पर है जो समुद्र तल से 4.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। एक ट्रफ रेखा कोंकण से दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर बने चक्रवाती परिसंचरण तक फैली हुई है।
आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के अनुसार आज शनिवार, 17 अगस्त को पश्चिमी राजस्थान, लक्षद्वीप, मध्यप्रदेश के कर्नाटक भागों, विदर्भ, तेलंगाना और ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। हरियाणा, पूर्वी राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, गुजरात के कुछ हिस्सों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। लद्दाख, बिहार, पूर्वी उत्तरप्रदेश, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा, सौराष्ट्र और कच्छ, इदार्भ, तेलंगाना और ओडिशा में हल्की बारिश संभव है।(Photo courtesy: IMD)
Edited by: Ravindra Gupta