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Last Modified: श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) , शुक्रवार, 16 अगस्त 2024 (23:23 IST)

Gaganyaan Mission : अंतरिक्ष में भारत जल्द करेगा एक और कारनामा, ISRO चीफ ने किया यह बड़ा ऐलान

S. Somnath
ISRO Chairman's big statement regarding Gaganyaan Mission : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने शुक्रवार को यहां कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने दिसंबर तक महत्वाकांक्षी गगनयान परियोजना का पहला मिशन प्रक्षेपित करने का लक्ष्य रखा है।
 
सोमनाथ ने कहा कि मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए फिलहाल कुछ रॉकेट उपकरण यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंच गए हैं और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, त्रिवेंद्रम में चालक दल मॉड्यूल के एकीकरण का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा, आज हम गगनयान के पहले मिशन, जिसे जी1 कहा जाता है, पर काम कर रहे हैं जो पहला मानवरहित मिशन होगा। आज की स्थिति यह है कि रॉकेट, एस200 चरण, एल1, सी32 चरण-सभी सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में हैं।
 
सोमनाथ ने कहा कि विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, त्रिवेंद्रम में चालक दल मॉड्यूल के एकीकरण का कार्य किया जा रहा है और चालक दल बचाव उपकरण प्रणाली भी तैयार है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, इसलिए हमें पूरी ‘वायरिंग’ के साथ काम पूरा करना होगा तथा परीक्षण किया जाना चाहिए। हमारा लक्ष्य यह है कि नवंबर तक पूरी प्रणाली यहां पहुंच जाएगी, और संभवत: दिसंबर तक प्रक्षेपण हो जाएगा।
सोमनाथ छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान के सफल प्रक्षेपण के बाद बात कर रहे थे। इसरो ने आज यहां अपने लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान के जरिए भू प्रेक्षण उपग्रह ईओएस-08 और एसआर-ओ डेमोसैट उपग्रह को उनकी निर्धारित कक्षाओं में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
 
इस यान के जरिए ले जाए गए पेलोड का इस्तेमाल उपग्रह आधारित निगरानी, ​​आपदा और पर्यावरण निगरानी, ​​आग लगने का पता लगाने और ज्वालामुखी गतिविधि पर नजर रखने जैसे कई कार्यों में किया जाएगा। इस उड़ान ने उद्योग और इसरो की वाणिज्यिक शाखा ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड’ के बीच गठजोड़ का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
आज का सफल मिशन उद्योग को उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने के लिए इसरो के साथ साझेदारी करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। एलवी मिशन के वाणिज्यिक प्रक्षेपण के लिए उद्योगों को इसरो के साथ साझेदारी करने की आवश्यकता से संबंधित एक सवाल के जवाब में सोमनाथ ने कहा कि हाल ही में उद्योग के साथ एक दिवसीय बैठक आयोजित की गई थी।
उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि भारत में पहला प्रौद्योगिकी हस्तांतरण इसरो और उद्योग के बीच होगा। अभिरुचि के लिए अनुरोध (आरएफआई) जारी किया गया था और एकल (इकाई) या समूह के रूप में कोई कंपनी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (इसरो से) और इस बारे में अभिरुचि दिखा सकती है कि इसरो से क्या अपेक्षाएं हैं तथा ऐसे मिशन के लिए कैसे अर्हता प्राप्त की जाए। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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