एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन्स में 2 किलो आईईडी, स्थानीय लोग बोले- थर्रा उठा था इलाका
श्रीनगर/नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन्स में 2 किलो आईईडी का इस्तेमाल किया गया था। मीडिया खबरों के अनुसार शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि इस हमले में 2 ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया और हाई ग्रेड का विस्फोटक गिराया गया। अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के अनुसार शुरुआती जांच के अनुसार विस्फोटक कम से कम 100 मीटर की ऊंचाई से गिराया गया होगा।
हमले में इस्तेमाल ड्रोन का कोई हिस्सा अभी तक नहीं मिला है। एनएसजी की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि हमारे बेस पर संतरी ने 2 अलग-अलग आवाजें सुनीं और उसके बाद 6 मिनट के अंतर पर 2 विस्फोट हुए। घटनास्थल पर ड्रोन का कोई हिस्सा नहीं मिला, ऐसे में आशंका है कि ये ड्रोन विस्फोटक गिराकर वापस चले गए।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने यहां शहर के बाहरी इलाके बेलीचेराना से 2 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। एजेंसियों के मुताबिक एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) और MI-17 हेलीकॉप्टर इस ड्रोन हमले के लक्ष्य थे। इस बीच इस हमले में घायल जवानों से एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया से फोन पर बात की। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट में वायुसेना के 2 कर्मी घायल हुए हैं। घटना देर रात करीब 1 बजकर 40 मिनट पर हुई और करीब 6 मिनट के भीतर दूसरा धमाका हुआ। पहले विस्फोट में उच्च सुरक्षा वाले हवाई प्रतिष्ठान के तकनीकी क्षेत्र में एक इमारत की छत को नुकसान हुआ।
शहर के बाहरी छोर पर स्थित सतवारी इलाके में स्थित इस स्थान की देखरेख का जिम्मा वायुसेना उठाती है। दूसरा विस्फोट 6 मिनट बाद जमीन पर हुआ। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के बम डेटा सेंटर की एक-एक टीम ने वायुसेना अड्डे पर जांच की। वहीं जम्मू पुलिस ने आतंकवाद की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। IED को इम्पैक्ट चार्ज से लैस किया गया था जिसमें विस्फोट या तो तुरंत या कुछ देर बाद होता है।
क्या बोले स्थानीय लोग? : जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित भारतीय वायुसेना स्टेशन के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों की नींद शनिवार-रविवार की देर रात जोरदार धमाके की आवाज से खुली। वायुसेना स्टेशन के पास स्थित एक इलाके में रहने वाले इंद्रजीत सिंह ने बताया कि जोरदार धमाके से हमारी नींद खुली। इससे पूरा इलाका थर्रा उठा और लोग खौफ में आ गए।
विस्फोट की आवाज सुनकर बेलीचरण, कर्ण-बाग, गद्दीगर, बोहरकैंप और सतवारी से कई लोग वायुसेना स्टेशन पहुंचे। उन्हें बिलकुल अंदाजा नहीं था कि विस्फोट ड्रोन से किया गया है। यह पहली बार है, जब पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने इस तरह के मानवरहित और रिमोट संचालित वाहन से किसी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान को निशाना बनाया है। सतवारी के सून नाथ ने कहा कि यह चिंता का विषय है, क्योंकि इस तरह का हमला इससे पहले कभी नहीं हुआ था।