एक आतंकी के सरेंडर की कहानी, मेजर ने कहा- बच्चे, मां-बाप और दोस्तों को याद कर, आ जा बाहर...
नई दिल्ली। कश्मीर में शोपियां के हाजीपोरा में शुक्रवार को आतंकियों से मुठभेड़ के बीच एक भावनात्मक पल भी आया, जब एक आतंकवादी को उसके मां-बाप का वास्ता देकर उसका सरेंडर करवाया गया। मेजर शुक्ला के अपील पर आखिरकार साहिल डार नामक एक कश्मीरी आतंकी ने हथियार डाल दिए।
सेना की 34 राष्ट्रीय राइफल्स की आतंकियों से मुठभेड़ चल रही थी। एक आतंकवादी को सेना ने मार गिराया था। इसी बीच, मेजर शुक्ला ने बचे आतंकवादी साहिल को संबोधित करते हुए माइक पर अनाउंस शुरू कर दिया। मेजर ने कहा- मेरी आवाज आ रही है तो ध्यान से सुनो, रिक्वेस्ट कर रहा हूं। हाथ ऊपर करो और बाहर आ जाओ, मैं गारंटी देता हूं कि तुमको कुछ नहीं होगा।
उन्होंने अपील जारी रखी और कहा कि अगर तुम हथियार डालकर और हाथ ऊपर करके बाहर आ जाओ तो मैं सरेंडर लेने के लिए तैयार हूं। मैं तेरे घर वालों को भी जानता हूं। उनके ऊपर जो दिक्कतें गुजरेंगी उन्हें तू नहीं जानता...इस पर आतंकी साहिल ने कहा कि जानता हूं...
मेजर शुक्ला ने कहा- अपने मां-बाप को याद करो, घर वालों को याद करो, दोस्तों को याद करो, मेरी रिक्वेस्ट मानो और हथियार डाल दो... तेरे घरवालों को उनके ऊपर क्या गुजरेगी...
मेजर शुक्ला इसी मार्मिक अपील का असर रहा है साहिल हथियार छोड़कर बाहर आ गया। एक युवक की जान बच गई... मां-बाप को उस युवा का जनाजा नहीं देखना पड़ा...