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Last Modified: सोमवार, 22 जून 2020 (12:30 IST)

इस बार बिना श्रद्धालुओं की भागीदारी के निकल सकती है जगन्नाथ रथयात्रा

इस बार बिना श्रद्धालुओं की भागीदारी के निकल सकती है जगन्नाथ रथयात्रा - Jagannath Rath Yatra Supreme Court
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय कोविड-19 (Coronavirus) वैश्विक महामारी के चलते इस वर्ष की भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा पर रोक लगाने के अपने 18 जून के आदेश में सुधार का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमत हो गया है।
 
अदालत के इस रुख के बाद माना जा रहा है कि इस बार रथयात्रा बिना श्रद्धालुओं की भागीदारी के निकल सकती है। ओडिशा सरकार ने कुछ प्रतिबंधों के साथ पुरी रथयात्रा के आयोजन के उच्चतम न्यायालय के मत का समर्थन किया है।
 
केंद्र सरकार ने भी उच्चतम न्यायालय में पुरी रथ यात्रा मामले का उल्लेख किया और कहा कि लोगों की भागदारी के बिना इसके आयोजन की अनुमति दी जा सकती है।
 
उल्लेखनीय है कि यात्रा पर रोक के खिलाफ एक मुस्लिम छात्र आफताब हुसैन ने अपनी याचिका में कहा कि पुरी शहर को पूरी तरह से बंद कर मंदिर के पुजारी और सेवकों की तरफ से ही रथयात्रा निकाली जा सकती है। इस तरह यात्रा की परंपरा टूटने से बचाया जा सकता है।
 
याचिका के मुताबिक मंदिर में 1172 सेवक हैं। इन सभी का कोविड-19 टेस्ट किया जा चुका है, जो निगेटिव आया है। तीनों रथ खींचने के लिए 750 लोगों की आवश्यकता होती है और मंदिर के पास 1172 सेवक हैं। ये लोग ही रथों को खींचकर गुंडिचा मंदिर तक ले जा सकते हैं। (भाषा)
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