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Last Modified: सोमवार, 15 अगस्त 2022 (15:53 IST)

48 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को उड़ा सकती है मेड इंडिया तोप, स्वतंत्रता दिवस पर रचा इतिहास

48 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को उड़ा सकती है मेड इंडिया तोप, स्वतंत्रता दिवस पर रचा इतिहास - independence day red fort first time made in india cannon will be use for salute vva rgmtot
नई दिल्ली। देश की आजादी के 75 साल बाद पहली बार सोमवार को लालकिले पर तिरंगे को सलामी देने के लिए ‘मेड इन इंडिया’ (भारत में निर्मित) तोप का इस्तेमाल किया गया। अब तक इस रस्मी सलामी के लिए ब्रिटिश तोपों का उपयोग होता था। जिन स्वदेशी तोपों से आज सलामी दी गई उनको रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। 48 किलोमीटर की फायरिंग रेंज शामिल है।
 
आजादी के 75 साल बाद यह पहली बार हुआ जब लाल किले पर तिरंगे को 21 तोपों की सलामी देने के लिए 'मेड इन इंडिया' (भारत में निर्मित) तोप प्रयोग किया। DRDO द्वारा विकसित, एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) का इस्तेमाल पारंपरिक ब्रिटिश मूल के '25 पाउंडर्स' आर्टिलरी गन के साथ किया गया।
 
पूरी तरह से स्वदेशी तोप अटैग 155 एमएम कैलिबर गन सिस्टम है। इसमें 48 किलोमीटर की फायरिंग रेंज शामिल है। उच्च गतिशीलता, त्वरित तैनाती, सहायक शक्ति पद्धति, एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम, रात के दौरान डायरेक्ट-फायर सिस्टम में ऑटोमैटिक कमांड और कंट्रोल सिस्टम जैसी एडवांस फीचर्स हैं। 
एटीएजीएस एक विश्व स्तरीय प्रणाली है जो जोन 7 में बाइमोड्यूलर चार्ज सिस्टम को फायर करने में सक्षम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के 75 साल के बाद जिस आवाज को सुनने के लिए हमारे कान तरस रहे थे, आज 75 साल के बाद वो आवाज सुनाई दी है। 75 साल के बाद लाल किले पर तिरंगे को सलामी देने का काम पहली बार ‘मेड इन इंडिया’ तोप ने किया है।
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