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Last Updated : गुरुवार, 18 मई 2023 (16:22 IST)

पीएम मोदी बोले- 9 साल में 240 प्राचीन कलाकृतियां वापस लाए

पीएम मोदी बोले- 9 साल में 240 प्राचीन कलाकृतियां वापस लाए - In 9 years, around 240 ancient artefacts have been brought back : PM Modi
PM Narendra Modi news : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि गुलामी के कालखंड में जहां कितनी ही पांडुलिपियां और पुस्तकालय जला दिए गए वहीं आजादी के बाद अपनी धरोहरों को संरक्षित करने के जो प्रयास होने चाहिए थे, वह भी नहीं किए। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में, लगभग 240 प्राचीन कलाकृतियों को भारत वापस लाया गया है। इससे पहले इस अवधि में यह संख्या 20 तक भी नहीं पहुंची थी।
 
राजधानी स्थित प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय प्रदर्शनी 2023 का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी के सैकड़ों वर्षों के लंबे कालखंड ने भारत का एक नुकसान यह भी किया कि हमारी लिखित और अलिखित बहुत सारी धरोहर नष्ट कर दी गईं। हमारी कितनी ही पांडुलिपियां और पुस्तकालय गुलामी के कालखंड में जला दिए गए। यह केवल भारत का ही नहीं, पूरी दुनिया और पूरी मानवजाति का नुकसान था।
 
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से आजादी के बाद अपनी धरोहरों को संरक्षित करने के जो प्रयास होने चाहिए थे, वह हो नहीं पाए। लोगों में धरोहरों के प्रति जागरूकता की कमी ने इस संकट को और ज्यादा बढ़ा दिया... इसलिए आजादी के अमृत काल में भारत ने जिन 'पंच प्राणों' की घोषणा की है और उनमें प्रमुख है ‘अपनी विरासत पर गर्व’।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा एक सुझाव है, क्यों ना भारत में हर परिवार अपने घर में अपना एक पारिवारिक संग्रहालय बनाए... घर के ही विषय में, घर के बड़े-बुजर्गों की पुरानी और खास चीजें रखी जा सकती हैं। ऐसे ही हमारे स्कूलों और संस्थानों को भी अपने म्यूजियम बनाने चाहिए। इससे एक बड़ी और ऐतिहासिक पूंजी भविष्य के लिए तैयार होगी। हमारे शहर भी सिटी म्यूजियम जैसे प्रकल्पों को आधुनिक स्वरूप में तैयार कर सकते हैं।
 
पीएम मोदी ने कहा कि जब कोई देश अपनी विरासत को सहेजना शुरू करता है तो उसका एक और पक्ष सामने आता है... और यह पक्ष है दूसरे देशों के साथ संबंधों में आत्मीयता। पिछले वर्ष हमने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध के चार अवशेषों को मंगोलिया भेजा और यह अवसर पूरे मंगोलिया के लिए एक उत्स्व बन गया। हमारी विरासत, वैश्विक एकता का भी सूत्रधार बनती है।
 
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक में राष्ट्रीय संग्रहालय के एक ‘वर्चुअल वॉकथ्रू’ का उद्घाटन किया। यह संग्रहालय भारत के अतीत से संबंधित उन ऐतिहासिक घटनाओं, व्यक्तित्वों, विचारों और उपलब्धियों को उजागर करने और प्रदर्शित करने का एक व्यापक प्रयास है, जिन्होंने भारत के वर्तमान के निर्माण में योगदान दिया है।
 
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय प्रदर्शनी के शुभंकर, ‘ग्राफिक नोवेल- संग्रहालय में एक दिन’, भारतीय संग्रहालयों की निर्देशिका, कर्तव्य पथ के पॉकेट मानचित्र और संग्रहालय कार्ड का भी विमोचन किया।