केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार की प्रवासन नीति को कठोरता और करुणा का मिश्रण करार देते हुए गुरुवार को लोकसभा में दो टूक कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई भी जब चाहे यहां आकर रह जाए। उन्होंने सदन में आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक, 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भारत में व्यापार, शिक्षा और शोध के लिए आने वालों का स्वागत होगा, लेकिन गलत उद्देश्य से और अशांति फैलाने के मंसूबे के साथ भारत में दाखिल होने वालों से कठोरता से निपटा जाएगा।
शाह के जवाब के बाद सदन ने कुछ विपक्षी सांसदों के संशोधनों को खारिज करते हुएआप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक, 2025 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कौन आता है और कितने समय के लिए आता है, देश की सुरक्षा के लिए हमें यह जानने का अधिकार है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कई बार लोग सवाल उठाते हैं कि शरणार्थी संबंधी अंतरराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए कि पांच हजार साल से प्रवासियों के बारे में भारत का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग रहा है और किसी शरणार्थी नीति की हमें जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत भू सांस्कृतिक देश है, भू राजनीतिक देश नहीं है...भारत का शरणार्थियों के प्रति एक इतिहास रहा है। पारसी भारत में आए। इजराइल से यहूदी भागे तो भारत में आ रहे हैं।
कानून तोड़ने वालों पर सरकार की नजर
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में छह पड़ोसी देशों के प्रताड़ित लोगों को भारत ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के माध्यम से शरण दी है। उन्होंने कहा कि घुसपैठ करने वालों को रोकेंगे, नागरिकता उन्हें ही मिलेगी जिन्होंने पड़ोसी देशों में विभाजन की विभीषीका झेली है और अत्याचारों का सामना किया है। उन्होंने कहा कि जो कानून तोड़ेंगे उन पर सरकार की कड़ी नजर होगी। शाह ने कहा कि जहां भारत प्रवासियों का स्वागत करता है, वहीं भारत से गए प्रवासियों ने दुनिया भर में भारत की समृद्ध विरासत को पहुंचाने का काम किया है।
ब्राइट स्पॉट बनकर उभरा भारत
उन्होंने कहा कि विश्व छोटा हो रहा है और पूरी दुनिया के अर्थतंत्र की सूची में भारत एक ब्राइट स्पॉट बनकर उभरा है, एक विनिर्माण केंद्र बनकर उभरा है और ऐसे में देश में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी। उनका कहना था कि यदि विदेशों से लोग भारत के अर्थतंत्र को मजबूत करने, व्यापार करने, शिक्षा और शोध के लिए आते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा।
गृह मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यदि बांग्लादेशी और रोहिग्या अशांति फैलाने के लिए आते हैं तो फिर कठोरता से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रवासन नीति कठोरता और करुणा दोनों के भाव से बनाई गई है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार दो संकल्प के साथ काम कर रही है। पहला संकल्प 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना और दूसरा 2047 तक विकसित देश बनना है।
उन्होंने विपक्षी सदस्यों की कुछ आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि गहन विचार-विमर्श के बाद विधेयक तैयार किया गया है और इसका सिर्फ राजनीतिक कारणों से विरोध नहीं करना चाहिए। शाह ने कहा कि भारत की सॉफ्ट पॉवर ने दुनिया में डंका बजाया है और अब यह और मजबूत होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह देश धर्मशाला नहीं है कि जो चाहे जैसे आए और रह जाए।
गृह मंत्री के अनुसार, कानूनी तरीके से कोई देश को समृद्ध करने के लिए आता है तो ठीक है, लेकिन उन लोगों को रोका जाएगा जिनके उद्देश्य ठीक नहीं है और इस बारे में तय करने का काम भारत सरकार का है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का हमारा सपना पूरा होने वाला है।
ममता सरकार पर साधा निशाना
शाह ने कहा कि बांग्लादेश से सटी हुई सीमा 2,216 किलोमीटर लंबी है और इसमें से 450 किलोमीटर में बाड़ इसलिए नहीं लग सकी क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार से भूमि नहीं मिली। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बयानों के जवाब में कहा, कि मैंने पश्चिम बंगाल को 450 किलोमीटर बाड़बंदी की खातिर भूमि के लिए पत्र लिखे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों के प्रति पश्चिम बंगाल सरकार की दया की नीति के कारण 450 किलोमीटर सीमा पर बाड़ नहीं लग सकी।
24 परगना जिले के आधार कार्ड
शाह ने कहा कि जितने भी बांग्लादेशी पकड़े गए उनका आधार कार्ड 24 परगना जिले का है। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे अवैध घुसपैठियों को आधार कार्ड मिल जाता है और फिर ये उसे दिखाकर देशभर में फैल जाते हैं उन्होंने जोर देते हुए कहा, कि लेकिन अब यह सब नहीं चल पाएगा। पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव हैं, वहां कमल खिलेगा और यह सब बंद हो जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली के चुनाव के समय मैं मौन रहा कि देश की सुरक्षा से जुड़ा प्रश्न था, लेकिन आज मौका और दस्तूर भी है और संबंधित विषय पर विधेयक आया है तो मैं देश की जनता को सच्चाई से अवगत करा रहा हूं। भाषा Edited by: Sudhir Sharma