सोमवार, 27 अक्टूबर 2025
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बिहार विधानसभा चुनाव में किसका पलड़ा भारी? क्या प्रशांत किशोर बनेंगे किंगमेकर

Bihar election 2025
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार के मतदाता के मन में क्या चल रहा है यह अभी कोई भी नहीं जानता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, तेजस्वी यादव समेत अन्य दिग्गजों की चुनावी रैलियां हो रही हैं। भीड़ भी जुट रही है। लेकिन, यह दावा करना मुश्किल है कि रैलियों में जुट रही भीड़ वोटों में कन्वर्ट होगी भी या नहीं। इस बार एनडीए और महागठबंधन में मुकाबला कांटे का दिखाई दे रहा है। महागठबंधन की ओर से तेजस्वी युवा मतदाता को आकर्षित करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, वहीं एनडीए को पीएम मोदी से पूरी उम्मीद है कि वे उसकी चुनावी नैया को पार लगा देंगे। इस बार बिहार में प्रशांत किशोर फैक्टर भी देखने को मिल सकता है।  
 
‍कितना कारगर होगा तेजस्वी का MY समीकरण : नीतीश कुमार के 20 साल के शासन के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी भी दिखाई दे रही है। उनको लेकर मतदाताओं में थकान और बदलाव की इच्छा का लाभ महागठबंधन को मिल सकता है। लेकिन, नीतीश सरकार द्वारा महिलाओं के खातों में 10-10 हजार रुपए जमा करवाने का लाभ एनडीए को ‍मिल सकता है।

वहीं, तेजस्वी यादव को महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने से युवा मतदाताओं और पार्टी के पारंपरिक मुस्लिम-यादव आधार में ऊर्जा आई है, जिसका गठबंधन को लाभ मिल सकता है। एनडीए अभी भी लालू यादव के पुराने शासन काल के 'जंगल राज' की याद दिलाकर, खासकर नए और शहरी मतदाताओं को महागठबंधन से दूर रखने की कोशिश कर रहा है।
 
क्या कहता है ताजा सर्वेक्षण : इस बीच, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अलग-अलग सर्वे भी आ रहे हैं। इनके मुताबिक इस बार टक्कर कड़ी दिखाई दे रही है। वोट वाइब के सर्वे के मुताबिक मुकाबला काफी करीबी दिखाई दे रहा है। इसके मुताबिक लगभग 34.7% मतदाताओं ने कहा है कि वे महागठबंधन को सत्ता में देखना चाहते हैं, जबकि 34.4% मतदाता बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनाने के लिए इच्छुक हैं।

चूंकि मुकाबला टक्कर का है, अत: प्रशांत किशोर किंग मेकर की भूमिका में नजर आएं तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। लगभग 12 फीसदी मतदाताओं का मानना है कि इस बार चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी बढ़त बना सकती है। 
 
प्रशांत किशोर हालांकि खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन फिर भी करीब 13 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि जन सुराज मुखिया को राज्य का मुख्‍यमंत्री होना चाहिए। वोट वाइब का यह सर्वे 15 से 19 अक्टूबर 2025 के बीच किया गया था। इस सर्वे में बिहार के 38 जिलों के 10 हजार से ज्यादा लोगों की राय शामिल की गई।

हालांकि इस सर्वे में हर विधानसभा क्षेत्र से औसत 260 मतदाताओं से चर्चा की गई है, ऐसे में यह कहना जल्दबाजी होगी कि परिणाम के रुझान इसी तरह के रहेंगे। आने वाले समय में इन रुझानों में बदलाव भी देखने को मिल सकता है। लेकिन, एक बात तय है कि इस बार बिहार में मुकाबला रोमांचक होगा। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 
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