Home Loan पर सब्सिडी का लाभ उठाने में गुजरात सबसे आगे
नई दिल्ली। शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत आवास ऋण पर सरकारी सहायता मुहैया कराने की योजना (सीएलएसएस) का लाभ उठाने वाले राज्यों में गुजरात सबसे आगे है।
केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बुधवार को बताया कि सीएलएसएस के तहत निम्न और मध्यम आय वर्ग के 2.75 लाख लाभार्थियों को अब तक सहायता मुहैया कराई जा चुकी है।
इनमें सर्वाधिक 88 हजार से अधिक लाभार्थी गुजरात के हैं। इसके बाद महाराष्ट्र के 74 हजार से अधिक, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से 15-15 हजार और तमिलनाडु से 10 हजार से अधिक लोगों ने इस योजना का लाभ लिया है।
पीएमएवाई के तहत घरों के निर्माण की मंजूरी और निगरानी संबंधी समिति (सीएसएमसी) की बैठक के बाद मिश्र ने बताया कि साल 2004 से 2014 तक दस साल में सीएलएसएस के तहत महज 18 हजार लोगों को आवास ऋण में सब्सिडी का लाभ मिल सका था।
उन्होंने कहा कि सीएलएसएस के तहत अब तक 2.75 लाख लाभार्थियों को छह हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी का लाभ मुहैया कराया जा चुका है।
उन्होंने पीएमएवाई के काम की प्रगति को संतोषजनक बताते हुए इसके तहत अगले साल मार्च में तक 25 लाख घरों का निर्माण कर इन्हें लाभार्थियों को सौंपने का दावा किया।
मिश्र ने कहा कि मार्च 2019 तक 80 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दिये जाने का लक्ष्य है जिससे योजना को लक्ष्य के मुताबिक समय से पूरा किया जा सके। बुधवार की बैठक में 25442 घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही पीएमएवाई के तहत अब तक 65.05 लाख घरों के निर्माण की मंजूरी दी जा चुकी है।
मिश्र ने बताया कि 2022 तक एक करोड़ आवास निर्माण के लक्ष्य को देखते हुए घरों के निर्माण की मंजूरी का आंकड़ा 65 प्रतिशत के स्तर को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि अभी 35 लाख घर निर्माणाधीन हैं और इनमें से बनकर तैयार हो चुके 12 लाख घर लाभार्थियों को दिए जा चुके हैं। इनमें से नौ लाख घर हरित आवास तकनीक पर आधारित हैं। (भाषा)