Indian Navy Day 4 December: अभूतपूर्व शौर्य से भरपूर है भारतीय नौसेना का इतिहास
नई दिल्ली। आज 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जा रहा है। भारत के लिए नौसेना का महत्व आज जितना है उतना शायद पहले कभी नहीं था। लेकिन इस महत्व को शायद ही कभी सही तरीके समझा गया। इसकी वजह यह है कि भारत पर हमले और खतरे रहे वह जमीन के रास्ते से ज्यादा हुए। 4 दिसंबर को मनाया जा रहा नौसेना दिवस केवल एक ऐतिहासिक घटना की सालगिरह ही नहीं, बल्कि भारतीय नौसेना को सही परिप्रेक्ष्य में देखने का भी दिन है। भारतीय नौसेना का इतिहास अभूतपूर्व शौर्य से भरपूर है।
भारत में नौसेना दिवस हर साल 4 दिसंबर को मनाने के पीछे नौसेना की खास उपलब्धि है। 1971 को जब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ी थी। उस युद्ध के घटनाक्रम में 4 दिसंबर की तारीख को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला कर उसे तबाह कर दिया था। इसकी सफलता की याद में इस दिन को मनाया जाता है।
ये भारतीय नौसेना की ताकतवर और चुस्त रणनीति का नतीजा था कि पाकिस्तान भौंचक्का रह गया था। और इसके बाद युद्ध में पाकिस्तान को संभलने का मौका नहीं मिला था। उस समय भारत और पाकिस्तान की जमीन की सीमा बांग्लादेश के साथ होने की वजह से बहुत ही ज्यादा थी। इसलिए पाकिस्तान के लिहाज से नौसेना की अहमियत केवल यही थी कि पश्चिम पाकिस्तान नौसेना के जरिए ही पूर्वी पाकिस्तान को सामान भेज सकता था।
लेकिन पाकिस्तान की उम्मीद के खिलाफ भारत ने उसे नौसेना के जरिए चौंका कर जो बैकफुट पर धकेला, उसके बाद पाकिस्तान के संभलने का मौका नहीं मिला। इतना ही नहीं भारतीय नौसना की रणनीति का ही नतीजा था कि पश्चिमी पाकिस्तान पूर्वी पाकिस्तान तक कोई भी मदद अपने नौसेना के जरिए नहीं पहुंचा सका।
साल 2021 में 1971 के युद्ध की जीत की स्वर्ण जयंती है। इसी लिए इस बार इस दिन को भारतीय नौसेना स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मना रही है। भारतीय नौसेना की स्थापना ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1612 में की थी जिसे बाद में रॉयल इंडियन नेवी का नाम दिया गया और आजादी के बाद 1950 से इसे भारतीय नौसेना का नाम दिया गया।
भारत में नौसेना दिवस इससे पहले रॉयल नेवी के ट्रॉफैग्लर डे के साथ मनाया जाता था। 21 अक्टूबर 1944 को रॉयल इंडियन नेवी ने पहली बार नौसेना दिवस मनाया था। इसे मनाने का उद्देश्य आम लोगों में नौसेना के बारे में जागरूकता बढ़ना था। 1945 से द्वितीय विश्व युद्ध के बाद नौसेना दिवस 1 दिसंबर को मनाया जाने लगा था। इसके बाद 1972 तक नौसेना दिवस 15 दिसंबर कोमनाया जाता रहा और 1972 से अभी इसे 4 दिसंबर को ही मनाया जाता रहा है।