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Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 21 अगस्त 2025 (14:42 IST)

18वीं लोकसभा में किस पार्टी के कितने सांसदों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले, जानिए सबसे अधिक मुकदमे किस राज्य के सांसदों पर

criminal record member of parliament
Lok Sabha MP Criminal Record : केंद्र सरकार ने बुधवार को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार होने वाले प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए विधेयक पेश किया। विधेयक के अनुसार अगर इनकी हिरासत अवधि 30 दिन से ज्यादा होती है तो 31वें दिन उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। अगर ये विधेयक पास होता है तो उन सांसदों की सांसदी के लिए खतरा बढ़ जाएगा जिनके खिलाफ पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज हैं या दोषी करार दिए जा चुके हैं।

18वीं लोकसभा चुनाव के बाद सामने आए आंकड़ों ने भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण पहलू को उजागर किया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान लोकसभा के कुल 543 सांसदों में से 251 सांसदों (लगभग 46%) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह संख्या न केवल भारतीय लोकतंत्र के लिए एक चिंताजनक तस्वीर पेश करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि विभिन्न राजनीतिक दल इस मुद्दे पर कैसे खड़े हैं।

किस पार्टी के कितने सांसद के खिलाफ हैं आपराधिक रिकॉर्ड
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमुख राजनीतिक दलों के विजयी उम्मीदवारों में आपराधिक मामलों की संख्या इस प्रकार है:
भारतीय जनता पार्टी (BJP): 240 विजयी उम्मीदवारों में से 94 (लगभग 39%) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC): 99 सांसदों में से 49 (लगभग 49%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
समाजवादी पार्टी (SP): 37 सांसदों में से 21 (लगभग 56%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (TMC): 29 में से 13 (लगभग 44%) सांसदों के खिलाफ मामले हैं।
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK): 22 में से 13 (लगभग 59%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
तेलुगु देशम पार्टी (TDP): 16 में से 8 (लगभग 50%) सांसदों ने आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
शिवसेना: 7 में से 5 (लगभग 71%) विजयी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के कुछ न कुछ सदस्य आपराधिक रिकॉर्ड वाले हैं।

राज्य-वार विश्लेषण: कहां हैं सबसे ज्यादा आपराधिक मामले?
राज्य के अनुसार सांसदों पर दर्ज आपराधिक मामलों के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, आपराधिक मामलों वाले सबसे अधिक सांसद उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और बिहार से हैं।
उत्तर प्रदेश : यहां के 80 सांसदों में से 49 सांसदों पर आपराधिक मामले हैं।
महाराष्ट्र : 48 सांसदों में से 31 सांसदों ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
पश्चिम बंगाल : 42 सांसदों में से 20 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
बिहार : यहां के 40 सांसदों में से 23 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
तमिलनाडु : यहां के 39 सांसदों में से 26 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
केरल : यहां के 20 सांसदों में से 19 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
ओडिशा : यहां के 21 सांसदों में से 16 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
तेलंगाना : यहां के 17 सांसदों में से 14 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
छत्तीसगढ़ : यहां के 11 सांसदों में से 11 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
हरियाणा : यहां के 10 सांसदों में से 10 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
झारखंड : यहां के 14 सांसदों में से 10 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
मध्यप्रदेश : यहां के 29 सांसदों में से 09 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
गुजरात : यहां के 25 सांसदों में से 05 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
राजस्थान : यहां के 25 सांसदों में से 04 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
दिल्ली : यहां के 07 सांसदों में से 03 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
असम : यहां के 14 सांसदों में से 03 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
पंजाब : यहां के 13 सांसदों में से 02 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।