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Written By विकास सिंह
Last Updated : शुक्रवार, 23 अगस्त 2019 (11:11 IST)

क्या प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी वादों को पूरा कर रही हैं सरकारी एजेंसियां?

क्या प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी वादों को पूरा कर रही हैं सरकारी एजेंसियां? - Govenment agencies and PM Modi
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल कर सत्ता में लगातार दूसरी बार काबिज हुई मोदी 2.0 सरकार पूरे एक्शन में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के समय जो भी वादे और घोषणाएं की थी उसको सरकार जल्द से जल्द पूरा करना चाह रही है। चाहें बात ट्रिपल तलाक पर नए कानून बनाने की हो या जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के वादे की, सरकार ने अपने शुरुआती 100 दिन के एजेंडे में इसको पूरा कर दिखाया है।
 
इसके साथ ही चुनाव के समय पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में देश के जनता को भरोसा दिलाया था कि भष्टाचार के खिलाफ उनकी सरकार सख्त एक्शन लेगी।
 
पीएम ने गुजरात के जूनागढ़ में चुनावी सभा में कहा था कि पिछले 5 साल के कार्यकाल में मैं उन्हें जेल के दरवाजों तक लाने में कामयाब रहा। मुझे 5 साल और दें और वे जेल के अंदर होंगे। इसके साथ ही पीएम ने कहा था कि भष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
 
चुनाव के बाद विरोधी दल के नेताओं के खिलाफ जांच में जिस तरह से तेजी जांच एजेंसियां सीबीआई और प्रर्वतन निदेशालय ने दिखाई है उससे ऐसे लगता है कि पीएम मोदी के चुनावी वादों को पूरा करने में सरकारी एजेंसियां कोई कोर कस नहीं छोड़ना चाहती है। इस बीच मशूहर कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर तंज कसते हुए लिखा Moral fo the story – 'तोता' किसी का नहीं 'होता'।
 
सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया केस में देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। दूसरी ओर उस अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले की जांच भी तेज हो गई जिसमें सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल फंसे हुए हैं। इसी तरह 300 करोड़ से अधिक बैंक फॉड केस में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी भी अब सलाखों के पीछे है।
 
इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ड वाड्रा पर मनी लॉन्ड्रिंग सहित कई मामलों को लेकर ईडी और अन्य जांच एजेंसियों ने शिकंजा कस दिया है। ऐसा नहीं कि सरकारी एजेसियां केवल कांग्रेस नेताओं पर शिंकजा कस रही है।
 
धन शोधन के मामले मनसे प्रमुख राज ठाकरे से ईडी ने गुरुवार को साढ़े 8 घंटे से अधिक की पूछताछ कर उन पर भी शिकंजा कस दिया है। इसके साथ ही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और उत्तर प्रदेश के सपा के कद्दावरनेता और सांसद आजम खान पर तो अलग-अलग मामलों को लेकर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
 
सरकारी जांच एजेंसियां जिस तरह एक्शन में दिखाई दे रही है उससे इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में और कई नेता भी जांच के लपेटे में आएंगे। शायद विपक्ष के नेताओं को भी इस बात की भी अच्छी तरह आभास है इसलिए वह एक सुर में इसको बदले की कार्रवाई बता रहा है।  
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