Ranbaxy के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह और 3 अन्य धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार
नई दिल्ली। रैनबैक्सी (Ranbaxy) लैब्स के पूर्व प्रोमोटर शिविंदर सिंह (Shivinder Singh) और सुनील गोधवानी समेत अन्य लोगों को 740 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी।
इस मामले में रेलिगेयर के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी और 2 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। इन पर जनता की कमाई को कथित रूप से अपनी कंपनियों में निवेश करने का आरोप है। गौरतलब है कि रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड ने 18 दिसंबर 2018 को आर्थिक अपराध शाखा में शिविंदर सिंह और उनके भाई मलविंदर सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
इस शिकायत में सुनील गोधवानी का भी नाम था और उसके खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वास को तोड़ने का आपराधिक मामला, दुरुपयोग, और आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आरएफएल में प्रबंधन बदला। नए प्रबंधन ने जब कार्यभार संभाला तो उसने पाया कि एक बार कर्ज लिया गया और उस धनराशि का सिंह और उनके भाई से जुड़ी अन्य कंपनियों में निवेश कर दिया गया। प्रबंधन ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत की, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।
शिविंदर का भाई मलविंदर फरार है और उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि दोनों भाइयों के बीच फोर्टिस हेल्थेकयर और रेलिगेयर इंटरप्राइज लिमिटेड को लेकर विवाद है।
जांच खुलासे के बाद बाजार नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ने दोनों भाइयों व उनसे संबंधित 8 फर्मस को 403 करोड़ रुपए फोर्टिस के खाते में जमा करने का आदेश दिया है। जांच में पता चला था कि दोनों ने फोर्टिस से फंड को अन्य जगह पर डाइवर्ट किया और फाइनेंशियल स्टेटमेंट में गड़बड़ियां कीं।