पूर्व रक्षामंत्री का राफेल डील पर खुलासा, तकनीक गोपनीय पर कीमत पर शर्त नहीं...
नई दिल्ली। पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने सोमवार को कहा कि फ्रांस के साथ 2008 में राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद संबंधी समझौते में कीमतों के खुलासे से संबंधित कोई गोपनीयता शर्त नहीं है और इसके तहत सिर्फ हथियारों के तकनीकी विवरण तथा क्षमता को गोपनीय रखा जा सकता है।
पूर्व रक्षामंत्री तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा तथा संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण इन विमानों की कीमतों में गोपनीयता की शर्त होने की बात करके संसद और देश को गुमराह कर रहे हैं। यह विशेषाधिकार हनन का मामला है, इसलिए कांग्रेस उनके खिलाफ विशेष हनन का प्रस्ताव लाने पर विचार करेगी और इसकी जल्द ही घोषणा की जाएगी।
एंटनी ने कहा कि कि राफेल सौदे में बड़ा घोटाला हुआ है और इसे छिपाने के लिए प्रधानमंत्री तथा रक्षा मंत्री असत्य बोलकर देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। इस सौदे को लेकर फ्रांस के साथ 25 जनवरी 2008 को समझौता हुआ था और मोदी सरकार इस समझौते का बार-बार हवाला देकर गोपनीयता की बात कर रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि इस समझौते में कहीं भी कीमतें न बताने की शर्त नहीं है।
समझौते में कीमतों को छिपाकर रखने का कहीं जिक्र नहीं है। गोपनीयता बनाए रखने की शर्त सिर्फ हथियारों की मारक क्षमता और उनकी तकनीकी विशेषताओं के विवरण के खुलासे को लेकर है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने समझौते में गोपनीयता की बात करके गलत सूचना देश की संसद को दी है। इसका सीधा मतलब है कि सौदे में गोपनीयता की बात करके उन्होंने संसद को गुमराह किया है।