विमान यात्रियों को मिलेंगे अब बहुत से फायदे, उड़ान लेट हुई तो कंपनियों पर लगेगा जुर्माना
नई दिल्ली। सरकार ने एयरलाइंसों की मनमानी खत्म करने के लिए विमानन क्षेत्र में बड़े सुधार की घोषणा करते हुए यात्रियों को राहत पहुंचाने वाला पैसेंजर चार्टर का मसौदा जारी करने के साथ ही पेपरलेस यात्रा के लिए डिजियात्रा की शुरुआत की है।
पैसेंजर चार्टर में विमान यात्रियों के अधिकारों का उल्लेख किया गया है, जिसको आम लोगों और हितधारकों की राय लेने के बाद मंत्रिमंडल की मंजूरी से अधिसूचित किया जाएगा। इससे यात्रियों को सुगम एवं बाधा रहित यात्रा का अनुभव होगा। इसके अनुसार टिकट रद्दीकरण शुल्क में बड़ी राहत मिल सकती है।
इसको लेकर चार्टर के मौसदे में कहा गया है कि यदि बुकिंग के 24 घंटे के भीतर यात्री टिकट रद्द करते हैं तो उन्हें इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके अलावा इस समयसीमा के अंदर टिकट में अन्य तरह के बदलाव भी मुफ्त में करा सकते हैं। बिना शुल्क के रद्द के अलावा यात्रा समय से 96 घंटे पहले तक टिकट रद्द करने पर भी कोई शुल्क नहीं देना होगा। किसी भी परिस्थिति में रद्दीकरण शुल्क बेसिक किराये और ईंधन प्रभार के जोड़ से अधिक नहीं हो सकता है।
इसमें कहा गया है कि यदि एयरलाइंस कंपनियों की गलती की वजह से उड़ान में देरी होती है तो उन्हें यात्रियों को इसका हर्जाना देना होगा। यदि उड़ान अगले दिन तक के लिए टलती है तो बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के यात्रियों के होटल में ठहरने का प्रबंध करना होगा। अगर यात्री को उड़ान रद्द होने की जानकारी उड़ान के दिन से दो सप्ताह से कम से कम दो सप्ताह पहले या 24 घंटे के भीतर दी जाती है तो विमानन कंपनियों की तरफ से उस उड़ान के तय समय से दो घंटे के भीतर किसी अन्य विमान में टिकट मुहैया कराई जाएगी या फिर यात्री को टिकट के पैसे वापस करने पड़ेंगे।
कनेक्टिंग फ्लाइट छूटने की स्थिति में भी कंपनियों को जुर्माना देगा होगा। यदि तीन-चार घंटे देरी की वजह से कनेक्टिंग उड़ान छूटती है तो उस स्थिति में 5,000 रुपए, जबकि 4 से 12 घंटे विलंब होने पर 10 हजार रुपए और 12 घंटे से अधिक की देरी के कारण कनेक्टिंग फ्लाइट छूटने पर 20 हजार रुपए का हर्जाना एयरलाइंस कंपनी की तरफ से यात्रियों को देना होगा। उड़ान में अधिक देरी होने की स्थिति में यात्री टिकट रद्द करा सकते हैं और उन्हें पूरा किराया रिफंड करना होगा।
सरकार ने कहा है कि दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे। इसके साथ ही सरकार घरेलू हवाई यात्रियों को पेपरलेस सफर की सुविधा प्रदान करने जा रही है। इसके लिए यात्रियों को एक विशिष्ट नंबर प्राप्त करना होगा। यात्रा के समय हवाई अड्डों पर उन्हें सिर्फ यह नंबर बताना होगा। ऐसा करके वह अपने समय की बच कर सकते हैं। डिजियात्रा के तहत पहचान पत्र के लिए आधार अनिवार्य नहीं है।
उड़ान के दौरान विमान में फ्लाइट मोड पर निजी मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को रखने पर कंपनी की तरफ से इंटरनेट सुविधा मुहैया कराने की बात कही गई है। तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर मोबाइल इस्तेमाल करने की सुविधा देने की भी बात कही गई है। (वार्ता)