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Last Modified: चंडीगढ़/लखनऊ , मंगलवार, 27 फ़रवरी 2024 (00:28 IST)

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसानों ने ट्रैक्टर रैलियां निकालीं, WTO के खिलाफ प्रदर्शन

पुलिस ने किसान नेताओं को उनके घर में किया नजरबंद

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसानों ने ट्रैक्टर रैलियां निकालीं, WTO के खिलाफ प्रदर्शन - farmers protested by parking tractors on the side of the highways in punjab
  • उत्तर प्रदेश में रैलियों के कारण कई स्थानों पर यातायात हुआ बाधित
  • विरोध प्रदर्शन को देखते हुए वहां भारी पुलिस बल तैनात
  • किसानों ने विश्व व्यापार संगठन के जलाए पुतले
Farmers took out tractor rallies : कृषि क्षेत्र को डब्ल्यूटीओ समझौते से बाहर करने की मांग करते हुए किसानों ने पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर सोमवार को ट्रैक्टर रैलियां निकालीं और पुतले फूंके। उत्तर प्रदेश में रैलियों के कारण कई स्थानों पर यातायात बाधित हुआ और किसानों ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के पुतले भी जलाए। संयुक्त अरब अमीरात में डब्ल्यूटीए का 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन हो रहा है।
 
साल 2020-21 के किसानों आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर प्रदर्शनकारियों ने पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर राजमार्गों के किनारे अपने ट्रैक्टर खड़े कर दिए। हरियाणा से लगी पंजाब की सीमा पर खनौरी और शंभू बिंदुओं पर भी डब्ल्यूटीओ के पुतले जलाए गए, जहां संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेतृत्व में हजारों किसान दिल्ली मार्च को सुरक्षाबलों द्वारा रोके जाने के बाद डेरा डाले हुए हैं।
 
किसान नेताओं ने दावा किया कि डब्ल्यूटीओ का उद्देश्य कृषि सब्सिडी समाप्त करना है और अगर भारत ने इसका पालन किया, तो यह आत्मघाती होगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के आह्वान पर किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ विरोध प्रदर्शन किया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। दोपहर में वाहनों की आवाजाही फिर शुरू हो सकी। किसानों ने डब्ल्यूटीओ के पुतले भी जलाए।
 
किसानों की वास्तविक मांगों को नजरअंदाज कर रही केंद्र सरकार : भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों की वास्तविक मांगों को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने को लेकर पंजाब-हरियाणा सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले किसानों के खिलाफ अत्याचार की निंदा की।
 
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में राजमार्ग पर किसानों के ट्रैक्टर मार्च से कई जगहों पर यातायात बाधित हुआ। उन्होंने दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाई लेन को भी अवरुद्ध कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुरकाजी थाना क्षेत्र के भूराहेड़ी, खतौली थाना क्षेत्र के भंगेला, मंसूरपुर चौराहा और छपार थाना क्षेत्र के रामपुर तिराहा पर अपने ट्रैक्टर खड़े कर दिए।
मेरठ में राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर बीकेयू कार्यकर्ताओं और किसानों ने अपने ट्रैक्टर खड़े कर दिए, जिससे सड़क पर जाम लग गया। राजमार्ग पर डब्ल्यूटीओ का एक पुतला भी जलाया गया, इस दौरान बीकेयू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी की अधिकारियों से तीखी नोकझोंक हुई।
 
14 मार्च को दिल्ली कूच का आह्वान : बीकेयू कार्यकर्ताओं ने मदनपाल यादव की अध्यक्षता में बैठक की, जिसमें पदाधिकारियों ने 14 मार्च को दिल्ली कूच का आह्वान किया। पंजाब के होशियारपुर में किसानों ने जालंधर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई स्थानों पर अपने ट्रैक्टर खड़े किए। दोआबा किसान समिति के प्रदेश अध्यक्ष जंगवीर सिंह चौहान के नेतृत्व में किसानों ने टांडा के बिजली घर चौक पर अपने ट्रैक्टर सड़क पर खड़े कर दिए।
 
चौहान ने एक सभा को संबोधित करते हुए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की नीतियों की आलोचना की और उन्हें किसान विरोधी बताया। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल), बीकेयू (कादियान), बीकेयू (एकता उगराहां) जैसे कई अन्य कृषि संगठनों के सदस्यों ने भी प्रदर्शन किए और होशियारपुर-फगवाड़ा रोड, नसराला-तारागढ़ रोड, दोसरका-फतेहपुर रोड, बुल्लोवाल-एलोवाल रोड और भूंगा-हरियाणा रोड पर अपने ट्रैक्टर खड़े किए।
प्रदर्शनकारियों ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और किसानों के लिए पेंशन की भी मांग की। अमृतसर में किसानों ने अजनाला, जंडियाला गुरु, रय्या और ब्यास में राजमार्गों के किनारे अपने वाहन खड़े किए। लुधियाना में एसकेएम से जुड़े किसानों ने डब्ल्यूटीओ के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए लुधियाना-चंडीगढ़ रोड पर राजमार्ग के किनारे अपने ट्रैक्टर खड़े किए।
 
हिसार में किसानों ने 50 स्थानों पर ट्रैक्टर खड़े कर किया विरोध प्रदर्शन : हरियाणा के हिसार में किसानों ने राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 50 स्थानों पर अपने ट्रैक्टर खड़े करके विरोध प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के प्रदेश उपाध्यक्ष शमशेर सिंह नंबरदार ने कहा कि प्रदर्शन सुरेवाला चौक, मय्यर टोल, चौधरीवास, बगला मोड़, बदोपट्टी और बास टोल सहित विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए गए। उन्होंने दावा किया कि डब्ल्यूटीओ की नीतियों के कारण सरकार सभी फसलों पर एमएसपी नहीं दे रही है।
 
जींद में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला और उचाना में किसान नेता आजाद पालवां के नेतृत्व में विश्व व्यापार संगठन का पुतला फूंक कर रोष जताया। इसके अलावा, जिले के डुमरखां कलां मंदिर के सामने, डुमरखां खुर्द कैंची, पक्का मोर्चा धरना स्थल, खटकड़ टोल एवं शुगर मिल पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर खड़े करके विरोध प्रदर्शन किया गया।
इससे पहले गांव गुलकनी में बीकेयू की बैठक हुई। बीकेयू प्रवक्ता रामराजी पोंकरीखेड़ी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान दिल्ली कूच से पीछे नहीं हटेंगे। किसानों ने उत्तराखंड में हरिद्वार-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बहादराबाद टोल प्लाजा पर भी विरोध प्रदर्शन किया और दिनभर धरने पर बैठे रहे, जिससे यात्रियों को असुविधा हुई।
 
उग्र विरोध प्रदर्शन की चेतावनी : विरोध प्रदर्शन को देखते हुए वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया। बीकेयू के क्रांति मोर्चा के अध्यक्ष इरफान भट्टी ने दावा किया कि दिल्ली में किसानों के 2020-21 के आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने वादा किया था कि उनकी मांगें पूरी की जाएंगी, लेकिन वादा तोड़ दिया गया, जिससे किसानों को फिर अपना आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा। किसान नेता सुब्बा सिंह ढिल्लों ने कहा कि अगर सरकार एमएसपी पर किया गया वादा पूरा नहीं करती और किसानों की मांगें नहीं मानती तो उग्र विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
 
किसान नेताओं को उनके घर में किया नजरबंद : उत्तर प्रदेश के मथुरा में सोमवार को किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकाले जाने की घोषणा पर पुलिस ने रविवार को ही किसान नेताओं को उनके घर में नजरबंद कर दिया। प्रदर्शन को लेकर किसानों की हर गतिविधि पर नजर रखी गई।
जिसके कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग के समर्थन में मथुरा के किसान नेता सोमवार को घोषित रैली नहीं निकाल सके। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के इरादे से ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान नेताओं को नजरबंद किया गया।
 
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के मंडल अध्यक्ष घूरेलाल शास्त्री ने बताया कि पुलिस ने उनके घर पर उनके सहित छह पदाधिकारियों संगठन मंत्री निहाल सिंह, सचिव डॉ. नेपाल सिंह, संगठन प्रभारी देवेंद्र सिंह, पंचायत अध्यक्ष हरिओम, ब्रह्मानंद, वीरेंद्र सिंह, गोपाल सिंह, सत्यवीर सिंह, भानु प्रकाश सहित कई किसान नेताओं को रविवार को ही नजरबंद कर लिया था, जिसके कारण वे लोग ट्रैक्टर रैली नहीं निकाल सके। (इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour