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Last Updated :श्रीनगर , शुक्रवार, 15 अगस्त 2025 (15:55 IST)

500 से ज्यादा लोग मलबे में दबे हैं, किश्तवाड़ आपदा को लेकर फारुक अब्दुल्ला का दावा

Farooq abdullah
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए घोषित हस्ताक्षर अभियान को जोरदार तरीके से चलाया जाएगा। किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना पर एक सवाल के जवाब में नेकां नेता ने कहा कि मलबे में अब भी 500 से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है। फारूक ने यहां बख्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के बाद पत्रकारों से कहा कि अभियान चलाया जाएगा और यह एक जोरदार अभियान होगा।   
 
नेकां अध्यक्ष यह टिप्पणी मुख्यमंत्री द्वारा हस्ताक्षर अभियान शुरू करने की घोषणा से जुड़े सवाल पर कर रहे थे। यह अभियान उच्चतम न्यायालय की उस टिप्पणी के बाद शुरू करने की घोषणा की गयी है जिसमें कहा गया था कि राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्णय लेते समय पहलगाम आतंकवादी हमले को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
 
भारत के प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किए जाने का निर्णय लेते वक्त क्षेत्र में ‘जमीनी हकीकत’ पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उसने कहा कि ‘पहलगाम जैसी घटनाएं’ नजरअंदाज नहीं की जा सकतीं।
 
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग पर दबाव बनाने के लिए एक बड़े हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करेंगे। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को याचिका पर जवाब देने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया है।
उन्होंने यहां बख्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में कहा, ‘‘आज से, हम इन आठ सप्ताह का उपयोग सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जाकर राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाने में करेंगे। अगर लोग दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं हैं, तो मैं अपनी हार मान लूंगा।’’ जब पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री का भाषण एक सख़्त संदेश था, तो नेकां अध्यक्ष ने सहमति जताते हुए कहा कि एक स्पष्ट संदेश दिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कई वर्षों बाद स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होते समय उनके मन में मिलीजुली भावनाएं उमड़ रही थीं। उन्होंने कहा आंसू भी थे और खुशी भी। आंसू इसलिए क्योंकि मैं भी यहां मुख्यमंत्री रहा हूं, हमारे पास अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35ए था और हमारे पास राज्य का दर्जा था।

60 लोगों की मौत, उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी को दी जानकारी 
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर गांव में बादल फटने की विनाशकारी घटना के बारे में जानकारी दी है।
 
इस घटना में 60 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मुझे अभी-अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फोन आया। मैंने उन्हें किश्तवाड़ की स्थिति और प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी।’’
 
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार और बादल फटने की दुखद घटना से प्रभावित लोग प्रधानमंत्री के सहयोग एवं केंद्र द्वारा प्रदान की गई सभी सहायता के लिए आभारी हैं।
 
इससे पहले, अब्दुल्ला ने यहां बख्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बृहस्पतिवार को हुई दुखद घटना में कम से कम 60 लोगों की जान चली गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा कि यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या प्रशासन की ओर से कोई चूक हुई है, क्योंकि ‘‘हमें मौसम (पूर्वानुमान) के बारे में पहले से ही पता था।’’
 
अब्दुल्ला ने पिछले साल अक्टूबर में केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद स्वतंत्रता दिवस पर अपने पहले संबोधन में किश्तवाड़ के शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए अपनी बात शुरू की।
 
उन्होंने कहा, ‘‘आज स्वतंत्रता दिवस मना रहे देश के लोगों के लिए यह एक खुशी का दिन है, लेकिन साथ ही बादल फटने से हुई जान-माल की हानि हृदयविदारक है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, लगभग 60 लोगों की जान चली गई है और कई अन्य लोग लापता हैं। हमें उनकी सटीक संख्या नहीं पता है।’’
 
अब्दुल्ला ने कहा कि वह इस अवसर पर उन लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने इस दुखद घटना में अपने प्रियजन को खो दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’ उन्होंने प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से मदद में कोई कमी नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने साथ ही कहा कि आगामी दिनों में ‘‘हमें यह पता लगाना होगा कि ऐसा क्यों हुआ। क्या प्रशासन की ओर से कोई चूक हुई, क्योंकि हमारे पास (भारी बारिश और अचानक बाढ़ की संभावना के बारे में) पहले से ही मौसम का अनुमान था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या हम इन अनमोल जिंदगियों को बचाने के लिए सरकार एवं प्रशासन की ओर से और कदम उठा सकते थे? हमें इस मामले में खुद को जवाबदेह बनाना होगा। भाषा Edited by : Sudhir Sharma