जयपुर के बड़े सरकारी सवाई मान सिंह अस्पताल के ICU में भीषण आग, 8 मरीजों की मौत, 5 की हालत गंभीर
मुख्यमंत्री भजनलाल ने देर रात अस्पताल का किया दौरा, जांच के लिए हाईपवार कमेटी का गठन
राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित बड़े अस्पताल सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के न्यूरो डिपार्टमेंट के ICU में रविवार देर रात आग लगने से 8 मरीजों की मौत हो गई है। अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर स्थित ICU वार्ड में देर रात करीब 11.30 बजे शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई, जिसमें आठ मरीजों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि जिस वक्त आग लगी उस वक्त वार्ड में 40 मरीजे वार्ड में भर्ती थे। वार्ड में आग भड़कते ही वहां पर अफरतफरी मच गई है और परिजनों ने कई मरीजों को समय रहते हुए वहां से निकाला। आग की सूचना पर मौके पर फायर ब्रिगेड की गाडियां पहुंचे और करीब 3 घंटे बाद आग पर काबू पाया
आग की सूचना पर देर रात मुख्यमंत्री भजनलाल अस्पताल पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन और हालात का जायजा लिया। मुख्यमंत्री भजनलाल ने घटना पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा “जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों एवं अधिकारियों से जानकारी ली और त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मरीजों की सुरक्षा, इलाज और प्रभावित लोगों की देखभाल के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है”।
वहीं सरकार ने अस्पताल में अग्निकांड की जांच के लिए 6 सदस्यी कमेटी का गठन किया है। वहीं विधानसभा ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पोस्ट लिख कर 8 लोगों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि “एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के ICU में आग लगने से 3 महिलाओं सहित 8 लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है। इस भीषण घटना ने मन को झकझोर कर रख दिया है, हृदय अत्यंत व्यथित है। मेरी गहरी संवेदनाएँ दिवंगतों के परिजनों के साथ हैं। अभी जयपुर जिला कलेक्टर से घटना की पूरी जानकारी ली है और थोड़ी ही देर में SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुँच रहा हूँ”।
राजस्थान के जयपुर के SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर दो ICU हैं। आग ट्रॉमा ICU में लगी, जहां ज्यादातर मरीज कोमा या गंभीर हालत में थे. प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। आग लगने से बिजली के उपकरणों से जहर भरी गैसें निकलीं, जिसने मरीजों की सांस लेने में तकलीफ होने लगी. डॉक्टरों और स्टाफ ने मरीजों को सपोर्ट सिस्टम सहित निचली मंजिल के ICU में शिफ्ट करने की कोशिश की, लेकिन 8 गंभीर मरीजों को बचाया नहीं जा सका. बाकी 5 मरीजों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।