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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : सोमवार, 19 जुलाई 2021 (12:42 IST)

सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर कैप्टन अमरिंदर ठोकेंगे ताली या फूकेंगे बगावत का बिगुल?

पंजाब कांग्रेस में सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर अब दो पावर सेंटर!

सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर कैप्टन अमरिंदर ठोकेंगे ताली या फूकेंगे बगावत का बिगुल? - Direct confrontation between Captain Amarinder and Navjot Singh Sidhu in Punjab Congress
आखिरकार चार महीने की लंबी खींचतान के बाद कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है,लेकिन सिद्धू के अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ मामला सुलझने के बजाय और उलझता दिख रहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर की नाराजगी के बाद भी पार्टी हाईकमान ने सिद्धू की ताजपोशी कर दी है, वहीं कैप्टन को मनाने के लिए उनकी पसंद के चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिए हैं।

भले ही कांग्रेस आलाकमान ने चार कार्यकारी अध्यक्ष को नियुक्ति को कैप्टन को मनाने की कोशिश की हो लेकिन सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने से कैप्टन अमरिंदर किस कदर नाराज है इसको केवल इससे समझा जा सकता है कि सिद्धू के नाम के एलान के करीब 16 घंटे बाद भी अमरिंदर से न तो सिद्धू को बधाई दी और न ही आलाकमान के फैसले पर  कोई टिप्पणी की। 

अमरिंदर की खमोशी को पंजाब कांग्रेस में आने वाले किसी बड़े तूफान से जोड़ कर देखा जा रहा है। खबर है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह आज अपने फॉर्म हाउस पर समर्थकों के साथ बड़ी बैठक करने जा रहे है जिसमें वह कोई बड़ा फैसला ले सकते है। असल में नवजोत सिद्धू पिछले काफी लंबे समय से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ खुलेआम बगावत कर रहे थे। सिद्धू ने अमरिंदर सरकार पर कई बड़े आरोप लगाने के साथ खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी कई मौकों पर घेर चुके है।

बताया जा रहा है कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस को बॉस इसी शर्त पर बनाया गया है कि सिद्धू बगावत के दौरान पंजाब सरकार पर लगाए गए आरोपों के लिए कैप्टन से सार्वजनिक रुप से माफी मांगगें। सिद्धू को अध्यक्ष बनाने पर कैप्टन ने शर्त रखी थी कि जब तक वो माफी नहीं मांगते, तब तक वो सिद्धू से नहीं मिलेंगे। वहीं कैप्टन अमरिंदर का मानना है कि कलह को हाईकमान ने सही ढंग से हैंडल नहीं किया और इससे पार्टी के साथ-साथ उनकी छवि को भी नुकसान पहुंचा है। इसलिए अब कैप्टन सिद्धू की माफी की शर्त पर अड़ गए हैं।

दरअसल पंजाब की सियासत में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्दू की अदावत काफी पुरानी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की एक-दूसरे से नाराजगी जग-जाहिर है. दोनों लंबे समय से एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं। पिछले दिनों में बिजली और बेअदबी समेत कई मुद्दों पर नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री अमरिंदर पर तीखा हमला बोला था। इसके साथ नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाते हुए आम आदमी पार्टी के समर्थन में ट्वीट कर दिया था। 

वहीं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कांग्रेस आलाकमान को नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ चिट्ठी लिखकर सीधे चेतावनी दे डाली थी। ऐसे में अब अगले साल फरवरी-मार्च में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने है तब भले ही कांग्रेस आलाकमान ने खींचतान को खत्म करने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बनाया हो लेकिन कांग्रेस नेतृत्व का यह दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है।

नवजोत सिंद्धू को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब पंजाब कांग्रेस में दो पवार सेंटर बनते दिख रहे है और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इन पवार सेंटरों में सीधा टकराव का खामियाजा कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है। इसकी शुरुआत झलक आज पंजाब कांग्रेस के मुख्यालय में दिखना शुरु हो गई है जहां कैप्टन अमरिंदर सिंह के बैनर पोस्टर हटाकर सिद्धू के बड़े बैनर और पोस्टर लगाए जा रहे है।