COVID-19 : केरल सरकार ने बकरीद पर पाबंदियों में दी 3 दिन की ढील, IMA ने दी चेतावनी छूट वापस लें वरना...
तिरुवनंतपुरम। केरल में 21 जुलाई को बकरीद त्योहार के मद्देनजर कोविड-19 संबंधी पाबंदियों में ढील देने के सरकार के फैसले की रविवार को विपक्षी दल कांग्रेस और भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने आलोचना की। आईएमए ने सरकार के फैसले को कानूनी चुनौती देने की चेतावनी दी है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया कि अगर कांवड़ यात्रा गलत है, तो बकरीद पर पाबंदियों में ढील देना भी गलत है।
खासकर ऐसे राज्य में जो फिलहाल कोविड-19 के केन्द्रों में शुमार है। उन्होंने ट्वीट किया कि केरल सरकार द्वारा बकरीद समारोह के लिए 3 दिनों की छूट प्रदान करना निंदनीय है क्योंकि राज्य फिलहाल कोविड-19 के केन्द्रों में से एक है। अगर कांवड़ यात्रा गलत है, तो बकरी पर सार्वजनिक समारोह की छूट देना भी गलत है।
वहीं, आईएमए ने रविवार को केरल सरकार से इस फैसले को वापस लेने का अनुरोध करते हुए इसे चिकित्सा आपातकाल के समय 'गैरजरूरी और अनुचित' बताया। चिकित्सकों के शीर्ष संगठन ने कहा कि अगर केरल सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
आईएमए ने यहां एक बयान में कहा कि आईएमए को यह देखकर दुख हुआ है कि मामलों में वृद्धि के बीच, केरल सरकार ने बकरीद के धार्मिक समारोहों के बहाने राज्य में लॉकडाउन में ढील देने के लिए एक आदेश जारी किया है। यह चिकित्सा आपातकाल के इस समय गैर-जरूरी और अनुचित है।
गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कोविड संबंधी पाबंदियों में कुछ ढील देने की घोषणा की थी। विजयन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में छूट की घोषणा करते हुए कहा कि बकरीद को देखते हुए कपड़ा, जूते-चप्पल की दुकानों, आभूषण, फैंसी स्टोर, घरेलू उपकरण बेचने वाली दुकानों और इलेक्ट्रॉनिक दुकानों, हर तरह की मरम्मत की दुकानों तथा आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों को 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक ए, बी, और सी श्रेणी के क्षेत्रों में खोलने की अनुमति दी गई है।
उन्होंने कहा था कि डी श्रेणी के इलाकों में इन दुकानों को केवल 19 जुलाई को खोलने की अनुमति होगी। जिन इलाकों में संक्रमण दर पांच फीसदी से कम है वे ए श्रेणी में हैं, पांच से दस फीसदी संक्रमण वाले क्षेत्र बी श्रेणी में, दस से 15 फीसदी वाले क्षेत्र सी श्रेणी में और 15 फीसदी से अधिक संक्रमण वाले क्षेत्र डी श्रेणी में हैं। (भाषा)