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Last Updated : बुधवार, 26 फ़रवरी 2025 (13:54 IST)

दुनिया में बढ़ रही है तानाशाही, डोनाल्ड ट्रंप, मस्क और पुतिन की नेतृत्व शैली एक जैसी

एक शोध में खुलासा हुआ है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन और एलन मस्क राजाओं की तरह हुक्म चला रहे हैं

दुनिया में बढ़ रही है तानाशाही, डोनाल्ड ट्रंप, मस्क और पुतिन की नेतृत्व शैली एक जैसी - Dictatorship is increasing in world, Trump, Putin and Musk all have same leadership style
Dictatorship is increasing in world: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यहां तक ​​कि गैर-निर्वाचित उद्यमी एलन मस्क भी ‘राजाओं’ की तरह हुक्म चला रहे हैं। इसे देखकर कह सकते हैं कि तानाशाही बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। कुछ लोग इन नेताओं को ‘प्रामाणिक’ कह सकते हैं क्योंकि वे वही कहते हैं और अक्सर वही करते हैं, जो वे मानते हैं। लेकिन यह पूरी कहानी नहीं है। ऐसे एकतरफा फैसले बहुत विभाजनकारी होते हैं। इनका विरोध भी होता है। अमेरिका में संघीय अदालत ने नुकसान को रोकने के लिए कार्यस्थल पर विविधता, समानता और समावेशन कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर रोक लगा दी थी।
 
शोधकर्ता आंद्रेई लक्स, एडिथ कोवान विश्वविद्यालय और केविन ब्रायन लोव, सिडनी विश्वविद्यालय का मानना था कि प्रामाणिकता स्वाभाविक रूप से अच्छी और नैतिक होती है। लेकिन जैसे-जैसे प्रामाणिक नेतृत्व अनुसंधान मजबूत प्रयोगात्मक तरीकों के साथ अधिक परिष्कृत होता जा रहा है, इस शक्तिशाली दृष्टिकोण के बारे में हम जो जानते हैं वह तेजी से बदल रहा है। ALSO READ: अमीरों को अमेरिका में बसाएंगे डोनाल्ड ट्रंप, क्या है उनका 5 मिलियन डॉलर गोल्ड प्लान?
 
प्रामाणिक नेतृत्व की पुन: परिभाषा  : हमने 20 वर्षों के शोध के बाद, प्रामाणिक नेतृत्व को नेतृत्व ‘संकेत’ भेजने की प्रक्रिया के रूप में फिर से परिभाषित किया है। नेता जो कहते हैं और करते हैं, उससे उनके मूल्यों के बारे में शक्तिशाली संदेश मिलता है।  डिजिटल युग में जहां हर ट्वीट और सार्वजनिक कार्य की जांच की जाती है, वहां कर्मचारियों और मतदाताओं के लिए इन संकेतों को समझना महत्वपूर्ण है। आज की अस्थिर दुनिया में नेतृत्व करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए प्रामाणिक नेतृत्व व्यक्त करने के इस नए तरीके को अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है। ALSO READ: ट्रंप के सामने जेलेंस्की ने टेके घुटने, अमेरिका को दुर्लभ खनिज देगा यूक्रेन
 
मस्क और ट्रंप जैसे व्यक्तित्व दिखाते हैं कि नेतृत्व के संकेतों का कैसे ध्रुवीकरण किया जा सकता है। पिछले सप्ताह ही मस्क ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) का इस्तेमाल करके यूक्रेन में चुनाव कराने का आह्वान किया था।  यहां रोजमर्रा की बातचीत में प्रामाणिक नेतृत्व संकेतों को पहचानने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि ऐसे नेताओं के उदाहरण ढूंढना आसान है, जो इसके बिल्कुल विपरीत संकेत प्रदर्शित करते हैं। ALSO READ: अमेरिकी राष्ट्रपति ने की मतपत्र से मतदान की वकालत, कांग्रेस ने कहा- अपने दोस्‍त ट्रंप की टिप्पणी पर ध्यान दें PM मोदी
 
1. आत्म-जागरूकता : नेता नियमित रूप से ईमानदार प्रतिक्रिया प्राप्त करके और अपनी ताकत और कमजोरियों पर विचार करके आत्म-जागरूकता का संकेत देते हैं। वे खुले तौर पर अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं और अपनी सीख साझा करते हैं। वे व्यक्तिगत विकास और निरंतर सुधार को महत्व देते हैं। इसके बजाय, ट्रंप बार-बार अपनी गलतियों को अनदेखा करते हैं, भले ही वे उजागर हो जाएं। उनका हालिया दावा जो खारिज किया जा चुका है, वह यह है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की लोकप्रियता 4 प्रतिशत है, जबकि उनकी वास्तविक स्वीकृति 60 प्रतिशत के करीब है।
 
2. आंतरिक नैतिक दृष्टिकोण  : नेता निर्णय लेकर आंतरिक नैतिक दृष्टिकोण का संकेत देते हैं - भले ही वे अलोकप्रिय हों, जो मूल नैतिक मूल्यों पर दृढ़ता से आधारित होते हैं। इन मूल्यों को कायम रखना और नैतिकता पर खुली चर्चा को प्रोत्साहित करना नेतृत्व के लिए एक सैद्धांतिक दृष्टिकोण है।
 
3. संतुलित प्रक्रिया : नेता विभिन्न दृष्टिकोणों को जानने तथा निर्णय लेने से पहले सभी विकल्पों पर विचार करके संतुलित प्रक्रिया का संकेत देते हैं। किसी भी पूर्वाग्रह को स्वीकार करना तथा टीम मंथन या सर्वेक्षण का उपयोग करना, निष्पक्ष और सूचित निर्णय लेने को सुनिश्चित करता है।  इसके बजाय, जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद से ट्रंप ने 50 से अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से कुछ गैरकानूनी हैं, यह व्यक्तिगत पूर्वाग्रह और एकतरफा निर्णय लेने का खुला प्रदर्शन हैं।
 
4. संबंधपरक पारदर्शिता : नेता अपनी टीमों के साथ उचित व्यक्तिगत अनुभव और कमजोरियों को साझा करके संबंधपरक पारदर्शिता का संकेत देते हैं। सीमाओं के बारे में ईमानदार होना और खुली बातचीत को आमंत्रित करना वास्तविक और निरंतर संचार के माध्यम से विश्वास का निर्माण करता है। (द कन्वरसेशन)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 
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