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Last Modified: मंगलवार, 25 फ़रवरी 2025 (17:13 IST)

लक्षण दिखने के 48 घंटे बाद मौत, चीन के बाद अफ्रीका से निकले रहस्यमयी वायरस का आतंक, चमगादड़ खाने के बाद बच्चों में फैला

इबोला और जीका जैसे जानलेवा वायरस के बाद अफ्रीका में इन दिनों एक और वायरस का आतंक फैलता दिख रहा है।

लक्षण दिखने के 48 घंटे बाद मौत, चीन के बाद अफ्रीका से निकले रहस्यमयी वायरस का आतंक, चमगादड़ खाने के बाद बच्चों में फैला - Mystery disease kills over 50 in Congo, death within 48 hours of symptoms
Mystery disease kills over 50 in Congo : क्या कोरोनावायरस जैसा खौफ फिर लौटने वाला है। इस बार जानलेवा वायरस अफ्रीका से आया है। इसके लक्षण दिखने के 48 घंटे बाद ही व्यक्ति मौत के आगोश में खो जाता है। इबोला और जीका जैसे जानलेवा वायरस के बाद अफ्रीका में इन दिनों एक और वायरस का आतंक फैलता दिख रहा है। इससे 50 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। कॉन्गो में सबसे पहले 21 जनवरी को इस वायरस का पता चला था। 
चपेट में आए 419 लोग : अब तक 419 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ ने 2022 में बताया था कि पिछले दशक में अफ्रीका में ​​इस तरह के मामलों में 60 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। 9 फरवरी को बोमेटे शहर में रहस्यमयी मौतों की संख्या बढ़ने के बाद सैंपल को टेस्टिंग के लिए भेजा गया है। पिछले साल, कांगो के दूसरे हिस्से में रहस्यमय फ्लू जैसी बीमारी से दर्जनों लोगों की जान चली गई थी। यह मलेरिया से मिलती-जुलती बीमारी थी।
कब आया था पहला मामला : विश्व स्वास्थ्य संगठन के अफ्रीका कार्यालय के अनुसार, बोलोको शहर में बीमारी का पहला प्रकोप तब शुरू हुआ जब तीन बच्चों ने चमगादड़ के मांस का सेवन किया और रक्तस्रावी बुखार के लक्षणों के बाद 48 घंटों के भीतर उनकी मौत हो गई। इसके तुरंत बाद उन्हें तेज बुखार हुआ और 48 घंटे के भीतर उनकी मौत हो गई। बीते कुछ सालों में अफ्रीका और एशिया जैसी महाद्वीपों में जानवरों से इंसानों तक वायरस पहुंचने के मामले में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। 
 
क्या बोले निगरानी अधिकारी : क्षेत्रीय निगरानी केंद्र बिकोरो अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सर्ज नगालेबेटो ने बताया कि अधिकतर मामलों में लक्षण प्रकट होने और मृत्यु के बीच का अंतर महज 48 घंटे का है, "जो वास्तव में चिंताजनक है।" कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में इस बीमारी का प्रकोप 21 जनवरी को शुरू हुआ और अब तक 419 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 53 लोगों की मौत हो चुकी है।
 
जंगली जानवरों के खाने से बीमारी : लंबे समय से इस बात की चिंता रही है कि जंगली जानवरों का सेवन करने वाली जगहों पर जानवरों से इंसानों में बीमारियाँ फैल सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2022 में कहा था कि पिछले एक दशक में अफ्रीका में इस तरह के प्रकोपों ​​की संख्या में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
13 मामलों का परीक्षण : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि 9 फरवरी को बोमेटे शहर में मौजूदा रहस्यमयी बीमारी का दूसरा प्रकोप शुरू होने के बाद, 13 मामलों के नमूने परीक्षण के लिए कांगो की राजधानी किंशासा में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर बायोमेडिकल रिसर्च को भेजे गए। इबोला या मारबर्ग जैसी अन्य सामान्य रक्तस्रावी बुखार बीमारियों के लिए नमूनों की जांच में परिणाम नकारात्मक पाए गए हैं। कुछ में मलेरिया के लिए पॉजिटिव नतीजे मिले। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma