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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 1 जुलाई 2025 (20:20 IST)

दिल्ली सरकार का श्रम विभाग को निर्देश, महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की अनुमति देने के नियम बदले

Chief Minister Rekha Gupta
Delhi Government's instructions: दिल्ली सरकार ने श्रम विभाग को महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की अनुमति देने के लिए नियम में आवश्यक बदलाव करने का निर्देश दिया है, लेकिन यह केवल उनकी सहमति से ही किया जाएगा। राज निवास के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित प्रमुख योजनाओं 'व्यापार करने में आसानी' और 'अधिकतम शासन - न्यूनतम सरकार' से संबंधित विभिन्न पहलुओं की स्थिति और प्रगति की समीक्षा के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना (V.K. Saxena) ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta,) के साथ मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
 
सक्सेना ने कहा कि प्रतिबंधात्मक और पुराने कानून, प्रक्रियाएं और विनियामक व्यवस्थाओं ने व्यवसायों और आर्थिक गतिविधियों को बाधित और हतोत्साहित किया है। सक्सेना और गुप्ता ने कहा कि पिछले 11 वर्षों के दौरान प्रगति संतोषजनक स्थिति से कोसों दूर थी। गुप्ता ने कहा कि कारोबार करने में कठिनाई के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि उद्योग और कारोबार अन्य राज्यों में स्थानांतरित हो गए हैं। सरकारी प्रक्रियाओं को पुनः व्यवस्थित करने के लिए कई निर्देश जारी किए गए हैं।ALSO READ: दिल्ली में पुराने वाहनों पर सख्ती, ANPR कैमरे से जब्ती शुरू, 1 जुलाई से Fuel पर भी रोक
 
अधिकारी ने बताया कि श्रम विभाग को महिला कर्मचारियों की सहमति लेकर उन्हें रात्रि पाली में काम करने की अनुमति देने के लिए तत्काल कदम उठाने तथा दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन तथा कारखाना अधिनियम के तहत उपयुक्त अधिसूचना जारी कर सभी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
 
विभाग को दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन करने का भी निर्देश दिया गया ताकि अधिनियम के लागू होने के लिए कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या एक से बढ़ाकर 10 की जा सके तथा दुकानों/प्रतिष्ठानों को चौबीसों घंटे संचालित होने की अनुमति दी जा सके। दिल्ली अग्निशमन विभाग को तीसरे पक्ष से ऑडिट के लिए एजेंसियों को पैनल में शामिल करने के लिए कहा गया है।
 
अधिकारी ने कहा कि बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को पैनल में शामिल एजेंसियों के ऑडिट प्रमाणपत्र पर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेने की अनुमति दी जा सकती है। छोटे प्रतिष्ठानों को तीसरे पक्ष से ऑडिट का विकल्प दिया जा सकता है। इसके लिए तुरंत रुचि पत्र जारी किया जा सकता है।ALSO READ: दिल्ली में आज से पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा ईंधन, सख्ती से लागू होगा नियम
 
अधिकारी ने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम की धारा 81 और 33 सहित कई धाराएं और प्रावधान शहर के किसानों के लिए नुकसानदेह साबित हो रहे हैं, क्योंकि इनके कारण भूमि का हस्तांतरण, बिक्री और दाखिल खारिज लगभग असंभव हो गया है। उन्होंने बताया कि विभाग को अधिनियम और विशिष्ट प्रावधानों पर नए सिरे से विचार करने को कहा गया है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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