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  4. Strictness on old vehicles in Delhi, seizure started with ANPR camera, fuel also banned from July 1
Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 1 जुलाई 2025 (18:00 IST)

दिल्ली में पुराने वाहनों पर सख्ती, ANPR कैमरे से जब्ती शुरू, 1 जुलाई से Fuel पर भी रोक

Ban on old vehicles in Delhi
Ban on old vehicles in Delhi: दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मंगलवार से यानी 1 जुलाई 2025 से राजधानी के सभी पेट्रोल पंपों पर पुराने वाहनों (एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल्स या ELVs) को ईंधन देने पर रोक लगा दी गई है। इस नियम के तहत 15 साल से पुराने पेट्रोल और सीएनजी वाहनों तथा 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। इस नीति को लागू करने के लिए दिल्ली के सभी 520 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे और स्पीकर लगाए गए हैं, साथ ही प्रत्येक पेट्रोल पंप पर एक नोटिस भी प्रदर्शित किया गया है, जिसमें लिखा है: 'एंड-ऑफ-लाइफ वाहनों (15 साल से पुराने पेट्रोल/सीएनजी और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों) को 1 जुलाई 2025 से ईंधन नहीं दिया जाएगा।'
 
नए नियम का उद्देश्य और कारण : दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देशों के अनुसार, पुराने वाहन, विशेष रूप से BS-III और BS-IV उत्सर्जन मानकों वाले वाहन, दिल्ली की हवा में प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में से एक हैं। ये वाहन आधुनिक BS-VI वाहनों की तुलना में 4.5 से 11 गुना अधिक पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) उत्सर्जित करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
2018 में सुप्रीम कोर्ट और 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों ने दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बावजूद, दिल्ली में लगभग 62 लाख ELVs (जिनमें 41 लाख दोपहिया और 18 लाख चार-पहिया वाहन शामिल हैं) अभी भी सड़कों पर चल रहे हैं, जो प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। इस नीति का उद्देश्य इन वाहनों को धीरे-धीरे सड़कों से हटाना और स्वच्छ गतिशीलता को बढ़ावा देना है।
 
प्रवर्तन की रणनीति : इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए दिल्ली सरकार, परिवहन विभाग, दिल्ली पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और दिल्ली नगर निगम (MCD) ने मिलकर एक विस्तृत योजना तैयार की है।
 
ANPR कैमरे : दिल्ली के 500 पेट्रोल पंपों पर ANPR कैमरे लगाए गए हैं, जो वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन करके उनकी उम्र और पंजीकरण विवरण को VAHAN डेटाबेस से तुरंत जांचते हैं। अगर वाहन ELV श्रेणी में आता है, तो स्पीकर के माध्यम से घोषणा की जाती है और कर्मचारियों को ईंधन देने से मना करने का निर्देश दिया जाता है।
 
सीसीटीवी और स्पीकर : प्रत्येक पेट्रोल पंप पर सीसीटीवी कैमरे और स्पीकर लगाए गए हैं ताकि नियम का उल्लंघन करने वाले वाहनों की पहचान और निगरानी की जा सके।
 
प्रवर्तन टीमें : 350 पेट्रोल पंपों पर ट्रैफिक पुलिस के एक अधिकारी और दो अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए गए हैं। परिवहन विभाग ने 59 विशेष टीमें गठित की हैं, जो पेट्रोल पंपों पर निगरानी रखेंगी। नियम तोड़ने वाले वाहनों को जब्त किया जाएगा और मालिकों पर 10000 रुपए (चार पहिया) और 5000 रुपए (दोपहिया वाहन) का जुर्माना लगाया जाएगा।
लॉग रखरखाव : पेट्रोल पंपों को ईंधन देने से मना किए गए सभी वाहनों का रिकॉर्ड (मैनुअल या डिजिटल) रखना होगा, जिसे साप्ताहिक रूप से परिवहन विभाग को जमा करना होगा। हालांकि यह नीति पर्यावरण के लिए लाभकारी है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां भी हैं। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने इस नीति को लागू करने में तकनीकी खामियों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण की कमी पर चिंता जताई है। कुछ पेट्रोल पंप प्रबंधकों का कहना है कि उन्हें इस प्रणाली के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गई है और ANPR कैमरों के कार्य करने में तकनीकी समस्याएं आ रही हैं। इसके अलावा, ईंधन देने से मना करने पर ग्राहकों के आक्रामक व्यवहार की आशंका भी व्यक्त की गई है।
 
आम जनता के लिए सलाह : दिल्ली सरकार ने ELV मालिकों से अपील की है कि वे अपने वाहनों को स्क्रैप करें या दिल्ली के बाहर किसी अन्य राज्य में पंजीकृत कराएं। जब्त किए गए वाहनों को 15 दिनों तक स्क्रैप यार्ड में रखा जाएगा, जिसके बाद मालिकों को जुर्माना और हलफनामा जमा करके वाहन को दिल्ली से बाहर ले जाना होगा।
 
यह नियम दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से लागू हो गया है और इसे 1 नवंबर 2025 से गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) और सोनीपत में भी लागू किया जाएगा। शेष एनसीआर जिलों में यह अप्रैल 2026 से लागू होगा। साथ ही, दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala