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Last Modified: बेंगलोर , मंगलवार, 1 जुलाई 2025 (18:59 IST)

नारायण मूर्ति से उलट इंफोसिस, कंपनी कर्मचारियों को भेज रही है 9.15 घंटे से ज्यादा काम करने पर हेल्थ अलर्ट

नारायण मूर्ति ने की थी हफ्ते में 70 घंटे काम की वकालत

Narayan Murthy
एक ओर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) हफ्ते में 70 घंटे काम की वकालत कर रहे हैं। दूसरी तरफ उनकी कंपनी इंफोसिस इसके ठीक उलट काम कर रही है। नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम को लेकर लगातार बहस जारी है। ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार इंफोसिस कर्मचारियों के काम के घंटे मॉनिटर कर रही है इसलिए नहीं कि वे उनसे ज्यादा काम चाह रही है बल्कि मामला ठीक इसके उलट है।
ईटी की खबर के अनुसार इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वे हर दिन केवल 9 घंटे 15 मिनट ही काम करें। साथ ही उन्हें हफ्ते में केवल 5 दिन ही काम करना है। इससे ज्यादा समय तक ऑफिस का काम करते रहने पर कंपनी का इंटरनल सिस्टम उन्हें एक अलर्ट भेजता है। 
 
कंपनी ने एक पर्सनलाइज्ड ईमेल भी कर्मचारियों को भेजना शुरू कर दिया गया है। इसमें उनके हफ्ते के काम के घंटों का ब्योरा होता है। अगर किसी कर्मचारी ने हफ्ते में निर्धारित समय से ज्यादा काम किया है तो इस ईमेल उन्हें इससे स्वास्थ्य पर होने वाले नकारात्मक असर को लेकर अलर्ट किया जाता है।
वर्क फ्रॉम पर भी निगरानी 
हैरान करने वाली बात यह है कि वर्किंग आवर्स की मॉनिटरिंग केवल ऑफिस आने वाले कर्मचारियों के लिए नहीं हो रही है बल्कि उन कर्मचारियों को भी ट्रैक किया जा रहा है जो वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ईमेल में कहा गया है कि इंफोसिस के कर्मचारियों को नियमित रूप से ब्रेक लेने के लिए कहा जा रहा है। अगर वे परेशान हैं तो चिंता न करने, जरूरत पड़ने पर काम के सिलसिले में दूसरों से मदद लेने की बात की जा रही है।  
नारायण मूर्ति के बयान पर छिड़ गई थी बहस
पिछले साल इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भी यह कहकर एक बहस छेड़ दी थी कि युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने 3one4 Capital की वीडियो सीरीज में कहा था कि आज के युवा को हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। मूर्ति ने पहले एपिसोड 'द रिकॉर्ड' में कहा कि मैं चाहता हूं कि भारत का हर युवा हफ्ते में 70 घंटे काम करें। उनके इस बयान पर उद्योगपति आनंद महिन्द्रा ने कहा था कि मेरा कहना है कि हमें काम की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए, न कि काम की मात्रा पर।

चाहे आप 40 घंटे, 70 घंटे या 90 घंटे काम करें, यदि आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं, तो वही महत्व रखता है। काम की गुणवत्ता सबसे जरूरी है। इस बीच लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन का भी बयान आया था जिसमें उन्होंने एक हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह दी थी। इनपुट एजेंसियां  Edited by : Sudhir Sharma 
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