शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. किसान आंदोलन
  4. delhi cm arvind kejriwal attacks on punjab cm amarinder singh over farmers protest
Written By
Last Updated : शनिवार, 5 दिसंबर 2020 (19:09 IST)

किसानों के मुद्दे पर पंजाब के CM पर केजरीवाल का निशाना, बोले- गंदी राजनीति न करें कैप्टन साहब...

किसानों के मुद्दे पर पंजाब के CM पर केजरीवाल का निशाना, बोले- गंदी राजनीति न करें कैप्टन साहब... - delhi cm arvind kejriwal attacks on punjab cm amarinder singh over farmers protest
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बुधवार को दावा किया कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए स्टेडियमों को अस्थायी जेल के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति न देने के चलते भाजपा नीत केंद्र सरकार उनसे नाराज है। केजरीवाल ने कहा कि किसानों के मुद्दों पर कैप्टन साहब गंदी राजनीति न करें।
 
केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर भी हमला किया और कहा कि वह दिल्ली में तीन कृषि कानून ‘पारित किए जाने’ का उन पर आरोप लगाकर ‘भाजपा की भाषा’ बोल रहे हैं। आप सरकार ने पिछले सप्ताह दिल्ली पुलिस को शहर के स्टेडियमों को अस्थायी जेल में परिवर्तित करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। 
केजरीवाल ने कहा कि इस वजह से भाजपा शासित केंद्र सरकार मुझसे नाराज है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पर ‘गंदी राजनीति’ करने का आरोप लगाया और कहा कि वह उन पर झूठे इल्जाम लगा रहे हैं।

केजरीवाल ने कहा कि कैप्टन साहब क्या आप मेरे खिलाफ आरोप लगा रहे हैं और भाजपा की भाषा बोल रहे हैं। क्या आपके परिवार के सदस्यों पर ईडी के मामलों का दबाव है और नोटिस भेजे जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से देशभर में लागू हुए और राज्य सरकार उन्हें नहीं रोक सकतीं।
दिल्ली सरकार ने तीन में से एक कानून को अधिसूचित किया है। केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने मुझ पर तीन काले कानून पारित करने का आरोप लगाया है। वह संकट के इस समय में ऐसी घटिया राजनीति कैसे कर सकते हैं।
केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुझ पर आरोप लगाया कि मैंने दिल्ली में काले कानूनों को पारित किया है। कैप्टन के पास एक, दो नहीं बल्कि कई मौके थे, लेकिन उसके बावजूद उन्होंने तीन काले कानूनों को पास होने से नहीं रोका। इस नाजुक स्थिति में अब वे निम्न स्तर की राजनीति कैसे कर सकते हैं? इसे लागू करने के लिए राज्य सरकार पर निर्भर नहीं है। अगर ऐसा होता तो देश के किसान केंद्र के साथ बातचीत क्यों करते? (एजेंसियां)