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Last Modified: बुधवार, 13 अप्रैल 2022 (19:30 IST)

अदालत का मंच किसी धर्म के प्रचार के लिए नहीं, हाईकोर्ट की वकीलों को नसीहत

अदालत का मंच किसी धर्म के प्रचार के लिए नहीं, हाईकोर्ट की वकीलों को नसीहत - Court's platform is not for promotion of any religion, Delhi High Court's advice to lawyers
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि अदालत किसी धर्म के प्रचार का मंच नहीं है और वकीलों को किसी धर्म का नाम लेने से बचना चाहिए। अदालत ने कुछ लोगों के सोशल मीडिया खाते निलंबित या हटाए जाने को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह बात कही।
 
उसने कहा कि एक चीज बिल्कुल साफ हो जानी चाहिए। यह (अदालत का) मंच किसी धर्म के प्रचार के लिए नहीं है। यह केवल कानून से निपटने के लिए है। आप कृपया हिंदू जैसे शब्दों का उपयोग करने से बचें। इससे पहले एक याचिकाकर्ता के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए ‘हिंदू’ धर्म का नाम लिया था।
 
अदालत ने सभी पक्षों के वकीलों से अपनी दलीलें पूरी करने और लिखित दलीलें जमा करने को कहा तथा मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तारीख तय की।
 
ट्विटर खाता धारक ‘वोकफ्लिक्स’ के खाते को नफरत भरे भाषणों को बढ़ावा देने के आरोपों पर पहले निलंबित और बाद में हटा दिया गया था। उसने उच्च न्यायालय से कहा कि ट्विटर दोहरे मानदंड अपनाता है, जहां हिंदू भावनाओं की परवाह नहीं की जाती और अन्य समुदायों की भावनाओं को सर-आंखों पर रखा जाता है।
 
राजनीति पर व्यंग्यात्मक पोस्ट करने वालों के सोशल मीडिया समूह ‘वोकफ्लिक्स’ ने अपनी लिखित दलीलों में आरोप लगाया कि माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ‘औरंगजेब जैसे नरसंहार करने वाले तानाशाहों को सामान्य दिखाने में मदद कर रही है’।
 
लिखित दलीलों में कहा गया कि प्रतिवादी संख्या 2 (ट्विटर) की एक नीति नजर आती है कि जहां हिंदू भावनाओं का अपमान होने दिया जाता है वहीं अन्य समुदायों की भावनाओं का पूरा ख्याल रखा जाता है।
 
उसने कहा कि हमें खुद से सवाल पूछना चाहिए कि किसी धर्मनिरपेक्ष देश में जहां 80 प्रतिशत आबादी हिंदू है तो क्या प्रतिवादी संख्या 2 नव नाजी उग्रवादियों द्वारा एडोल्फ हिटलर, हीनरिच हिमलर या रीनहार्ड हेड्रिच जैसे लोगों के स्तुतिगान वाली पोस्ट को अनुमति देने का साहस दिखाएंगे। यदि जवाब ‘नहीं’ है तो हमें खुद से पूछना चाहिए कि इस देश में ऐसी ही शिष्टता हिंदुओं के साथ क्यों नहीं दिखाई जा सकती।
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