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Last Updated : बुधवार, 11 दिसंबर 2024 (13:17 IST)

हार्ट अटैक से हो रही मौतों के पीछे नहीं है कोरोना वैक्सीन- संसद में सरकार का जवाब

हार्ट अटैक से हो रही मौतों के पीछे नहीं है कोरोना वैक्सीन- संसद में सरकार का जवाब - Corona vaccine is not behind heart attack
भारत में कभी बारात में डांस करते हुए तो कभी जिम में एक्‍सरसाइज के वक्‍त। कभी बैठे बैठे ही तो कभी वॉक करते हुए हार्ट अटैक के कई मामले सामने आए हैं। लोग इसे कोरोना वैक्सीन से जोड़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन की वजह से ही भारत में अचानक हार्ट अटैक से मौतें हो रही हैं। कुछ लोग इसे अफवाह मानते हैं तो कुछ लोग इसे सच मान रहे हैं। यह तो सच है कि पिछले कुछ समय से भारत में दिल के दौरे के मामलों में इजाफा हुआ है। हालांकि इसकी वजह अब तक साफ नहीं हो सकी है। हालांकि, अब इस पर भारत सरकार का जवाब आया है। राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि भारत में अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौत के पीछे कोविड वैक्सीन वजह नहीं है। इसके लिए उन्होंने आईसीएमआईर (ICMR) की स्टडी का हवाला दिया।

ICMR ने मौत की वजह तलाशी: आईसीएमआर की रिसर्च में यह दावा किया गया है कि देश में अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौत के पीछे कोरोना वैक्सीन लगवाना नहीं है। रिपोर्ट में इस तरह की मौतों के लिए 5 फैक्टर्स जिम्मेदार बताया था। आईसीएमआर की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी ने 18 से 45 साल के स्वस्थ लोगों पर अध्ययन की। यह रिसर्च 19 राज्यों और कई केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में कराया गया। ये रिपोर्ट आईसीएमआर ने उन लोगों को लेकर तैयार की जो पूरी तरह से स्वस्थ थे और उन्हें कोई बीमारी नहीं थी। इनकी 1 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक मौत हो गई।

क्‍या कहा केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने संसद में कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अध्ययन से यह साफ हो गया कि कोरोना वैक्सीन लगवाने से देश में युवाओं और वयस्‍कों में अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ा है। इस स्टडी से यह पता चलता है कि कोरोना वैक्सीन से ऐसी मौतों की संभावना कम हो जाती है। आईसीएमआर ने पिछले कुछ सालों में देश में अचानक ही रही मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन की आशंकाओं को देखते हुए यह रिसर्च की. आईसीएमआर ने अपने रिसर्च 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों को शामिल किया।

रिसर्च के दौरान आईसीएमआर ने 729 ऐसे केसों को बतौर सैंपल लिया जिनकी अचानक मौत हो गई थी, जबकि 2916 सैंपल ऐसे लिए गए थे जिन्हें हार्ट अटैक आने के बाद भी बचा लिया गया. रिसर्च से यह बात सामने आई कि कोरोना वैक्सीन की एक खुराक या दो खुराक लेने से, बिना किसी वजह के अचानक होने वाली मौत की संभावना काफी कम हो जाती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स को ट्रैक करने के लिए एडवर्स इवेंट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) नाम से एक सर्विलांस सिस्टम भी बनाया गया. वैक्सीनेशन सेंटर्स पर एनाफिलेक्सिस किट उपलब्ध कराई जाती है और वैक्सीन लगाए जाने के बाद हर किसी को अनिवार्य रूप से 30 मिनट तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाता है।
Edited by Navin Rangiyal
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