• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Controversy over former Union minister Uma Bharti's dress code

महाकाल मंदिर में संतों के ड्रेस कोड को लेकर बहस, अवधेशपुरी बोले- साध्वी कुर्ता नहीं तो क्या पहनेंगी?

महाकाल मंदिर में संतों के ड्रेस कोड को लेकर बहस, अवधेशपुरी बोले- साध्वी कुर्ता नहीं तो क्या पहनेंगी? - Controversy over former Union minister Uma Bharti's dress code
भोपाल। महाकाल मंदिर में पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती के ड्रेस कोड को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाकाल मंदिर के पुजारियों ने उमा भारती के मंदिर के गर्भगृह में दर्शन के दौरान पहने गए कपड़े पर जो सवाल उठाया था, उसके बाद अब संत समाज और मंदिर पुजारी आमने-सामने आ गए हैं। उज्जैन अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री और महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े डॉक्टर अवधेशपुरी महाराज ने संतों की वेशभूषा को लेकर सवाल उठाने पर कड़ा ऐतराज जताया है।

अवधेशपुरी महाराज का कहना है कि मंदिर के पुजारियों का उमा भारती सहित किसी भी संत की वेशभूषा पर सवाल उठाना गलत है। वेबदुनिया से बातचीत में अवधेशपुरी महाराज कहा कि उमा भारती खुद एक साध्वी हैं इसलिए उनकी वेशभूषा पर जो टिप्पणी की गई है वह सनातन संत परंपरा की मर्यादा के प्रतिकूल अनाधिकार चेष्टा है।

उनका कहना है कि मंदिर में दर्शन करने के सामान्य व्यक्तियों के नियम संतों पर थोपे नहीं जा सकते, क्योंकि सामाजिक नियमों और बंधनों से मुक्त होने के बाद ही कोई संत परंपरा में प्रवेश करता है और फिर वह जीवन पर अपने धर्म और संप्रदाय के अनुरूप वेशभूषा का पालन करता है। इस पूरे मामले पर विवाद बढ़ने पर उमा भारती के साड़ी पहनने की बात कहने को भी अवधेशपुरी महाराज सही नहीं मानते हैं।

वे इसे उमा भारती की निजी सोच बताते हुए कहते हैं कि संत परंपरा में कोई भी संत या साध्वी अपनी वेशभूषा से सैद्धांतिक तौर पर समझौता नहीं कर सकते हैं। वे कहते हैं कि संतों की वेशभूषा का निर्धारण धर्माचार्य ही करते हैं और कोई नहीं कर सकता है। इसके साथ ही पूरे देश के सभी मंदिरों में संत अपनी वेशभूषा में ही प्रवेश करते हैं तो फिर महाकाल मंदिर के पुजारियों को क्यों आपत्ति है।
ये भी पढ़ें
और आसान होगा रिटर्न दाखिल करना, सरकार ने दी यह बड़ी सुविधा