भारत रत्न पर सिर्फ एक परिवार का हक मानती है कांग्रेस, PM मोदी का विपक्ष पर निशाना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया लेकिन कांग्रेस ने इसका स्वागत नहीं किया क्योंकि वे लोग इस पुरस्कार पर सिर्फ एक ही परिवार का हक मानते रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के दौरान प्राप्त निवेश प्रस्तावों के चौथे भूमि पूजन समारोह में सोमवार को पूरे उत्तर प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की 14,000 परियोजनाओं की शुरुआत की।
अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले हमारी सरकार को किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का सौभाग्य मिला। उत्तर प्रदेश की धरती के बेटे चौधरी साहब का सम्मान करना देश के करोड़ों मजदूरों व किसानों का सम्मान है। लेकिन दुर्भाग्य से यह बात कांग्रेस और उसके सहयोगियों को समझ में नहीं आती।
उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि जब चौधरी चरण सिंह जी के बारे में संसद में बात हो रही थी तो कैसे कांग्रेस के लोगों ने चौधरी साहब के बारे में बोलना तक मुश्किल कर दिया था। कांग्रेस के लोग इस पुरस्कार पर एक ही परिवार का हक समझते थे। कांग्रेस ने दशकों तक बाबा साहब आंबेडकर को भी भारत रत्न नहीं दिया। यह लोग अपने ही परिवार के लोगों को भारत रत्न देते रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस गरीब, दलित, पिछड़े, किसान, मजदूर का सम्मान करना ही नहीं चाहती, क्योंकि ये उसकी सोच में ही नहीं है। चौधरी चरण सिंह जी के जीवनकाल में भी कांग्रेस ने उनसे सौदेबाजी की बहुत कोशिश की थी।
मोदी ने कहा कि चौधरी साहब ने प्रधानमंत्री की कुर्सी को त्याग दिया पर अपने उसूलों से समझौता नहीं किया। उनको राजनीतिक सौदेबाजी से नफरत थी, लेकिन दुख की बात है कि उनका नाम लेकर राजनीति करने वाले उत्तर प्रदेश के तमाम दलों ने चौधरी साहब की इस बात (राजनीतिक सौदेबाजी) को नहीं माना।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने छोटे किसानों के लिए जो किया, इसे पूरा देश कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा कि आज चौधरी साहब से प्रेरणा लेकर हम देश के किसानों को निरंतर सशक्त कर रहे हैं। हम देश की खेती को एक नये रास्ते पर ले जाने के लिए किसानों को मदद दे रहे हैं, प्रोत्साहन दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती होने लगी है। उन्होंने कहा कि यह खेती किसानों को कम लागत में अधिक लाभ देने वाली है और इससे गंगा जैसी पावन नदियों का जल भी दूषित होने से बच रहा है।