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  4. CBI suspects a big conspiracy in doctor rape-murder case, big revelations during interrogation of family members

डॉक्टर रेप-मर्डर केस में CBI को बड़ी साजिश की आशंका, परिजनों से पूछताछ में बड़ा खुलासा

17 अगस्त को देशभर के डॉक्टरों की हड़ताल

Protest
Kolkata doctor rape murder case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की प्रशिक्षु महिला चिकित्सक की कथित बलात्कार एवं हत्या मामले में, उनके माता-पिता ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को बताया कि इस अपराध में उसी कॉलेज के कुछ इंटर्न और चिकित्सक शामिल हैं। सीबीआई को भी इस मामले में बड़ी साजिश की आशंका है। वहीं, 17 अगस्त को देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल की घोषणा की है।
 
पिछले सप्ताह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक की कथित रूप से बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई मामले की जांच कर रही है। चिकित्सक के माता-पिता ने केंद्रीय जांच एजेंसी को उन लोगों के नाम भी उपलब्ध कराए, जिन पर उन्हें सरकारी अस्पताल में उनकी बेटी की हत्या से जुड़े होने का संदेह है। ALSO READ: कोलकाता रेप कांड पर क्‍यों वायरल हो रही है आयुष्‍मान खुराना की ये कविता?
 
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि माता-पिता ने हमें बताया कि उन्हें अपनी बेटी के यौन उत्पीड़न और हत्या के पीछे कई लोगों के शामिल होने का संदेह है। उन्होंने हमें आरजी कर अस्पताल में अपनी बेटी के साथ काम करने वाले कुछ इंटर्न एवं डॉक्टरों के नाम बताए हैं। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि हमने कम से कम 30 नामों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिन्हें हम पूछताछ के लिए बुलाएंगे। हमने उनसे पूछताछ शुरू भी कर दी है।
 
सीबीआई ने शुक्रवार को अस्पताल के उस कर्मी और दो स्नातकोत्तर प्रशिक्षु (पीजीटी) को तलब किया जो घटना की रात डॉक्टर के साथ ड्यूटी पर थे। सीबीआई अधिकारियों ने बृहस्पतिवार की रात ताला पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी से पूछताछ की थी। स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था। पुलिस ने इस सिलसिले में अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवी को गिरफ्तार किया था। सूत्र ने बताया कि सीबीआई शुक्रवार को गिरफ्तार व्यक्ति को अपराध दृश्य के नाट्य रूपांतरण (रिक्रिएट) करने के लिए अस्पताल ले गई। ALSO READ: कोलकाता में आज भाजपा का बड़ा आंदोलन, अस्पताल के पास धरना, CM हाउस तक कैंडल मार्च
 
देशभर में प्रदर्शन : प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर देशभर में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच सरकार ने शुक्रवार को कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों के प्रमुखों को ड्यूटी पर तैनात किसी स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ हिंसा की घटना के मामले में छह घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज करनी होगी। हालांकि इस घटना को लेकर शुक्रवार को भी राजनीतिक बयानबाजी जारी रही।
 
आईएमए द्वारा 24 घंटे के लिए देश भर में गैर-आपातकालीन और ओपीडी सेवाएं बंद रखने के आह्वान के बाद, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं के अधिकाधिक चिकित्सक कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पिछले सप्ताह हुई घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और पीड़ित के लिए न्याय और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय कानून की मांग की। ALSO READ: हाईकोर्ट ने CBI को क्यों सौंपी कोलकाता रेप मर्डर केस की जांच? जानिए वजह
 
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चिकित्सकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुक्रवार को पांचवें दिन भी जारी रही। इस दौरान अस्पतालों में सभी वैकल्पिक सेवाएं निलंबित रहीं। अभी तक अपने-अपने अस्पतालों के परिसरों में प्रदर्शन कर रहे चिकित्सक आज निर्माण भवन के बाहर जुटे और प्रदर्शन कर विरोध जताया। निर्माण भवन में ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यालय है। ALSO READ: कोलकाता में आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़, नर्सों ने किया विरोध
 
25 लोग गिरफ्तार : महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब और गुजरात सहित कई शहरों में रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध मार्च निकाला, जबकि कोलकाता में पुलिस ने बृहस्पतिवार की सुबह अस्पताल में हुई तोड़फोड़ और हिंसा के सिलसिले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया है, जहां कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद 9 अगस्त से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
 
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय कानून पर विचार-विमर्श के लिए एक समिति गठित करने के निर्णय को 'बहुत कम और बहुत देर से लिया गया' करार देते हुए आईएमए प्रमुख डॉ. आरवी. अशोकन ने बताया कि हितधारकों के परामर्श के बाद 2019 में एक मसौदा विधेयक तैयार किया गया था, लेकिन यह कभी संसद में नहीं गया। उन्होंने कहा कि इस मामले पर कानून लाने के लिए सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है।
 
केंद्रीय सरकारी अस्पतालों के निदेशकों और चिकित्सा अधीक्षकों तथा सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को भेजे गए कार्यालय ज्ञापन में मंत्रालय ने कहा कि ड्यूटी के दौरान किसी भी स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा की स्थिति में, संस्थान के प्रमुख घटना के अधिकतम 6 घंटे के भीतर संस्थागत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
 
क्या कहा टीएमसी सांसद ने : टीएमसी के नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने शुक्रवार को कहा कि कोलकाता में महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ बलात्कार एवं उसकी हत्या के मामले को लेकर जनाक्रोश पूरी तरह सही है, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि मामला सीबीआई को सौंपे जाने पर इसे 'गुपचुप तरीके से दबाया' नहीं जाना चाहिए। टीएमसी नेताओं ने ‘बलात्कार-हत्या’ मामले को लेकर सोशल मीडिया पर जारी दुष्प्रचार के प्रति भी आगाह किया। डेरेक ने कहा कि कोलकाता में एक युवती से बलात्कार और उसकी हत्या से ज्यादा क्रूर और जघन्य अपराध की कल्पना करना मुश्किल है। लोगों का गुस्सा पूरी तरह से समझ में आता है। उनके परिवार के साथ संवेदनाएं हैं।(एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: vrijendra Singh Jhala