क्या कोई महिला हो सकती है भाजपा की नई अध्यक्ष? इन नामों की चर्चा सबसे ज्यादा
BJP National President Election: वर्तमान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की विदाई की बेला में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि भगवा पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा? क्या भाजपा को पहली बार महिला अध्यक्ष मिल सकती है या फिर पार्टी अपनी चिर-परिचित शैली एक बार फिर सबको चौंकाएगी। माना जा रहा है कि 20 जनवरी के बाद भाजपा को नया अध्यक्ष मिल सकता है। हालांकि अध्यक्ष पद के लिए नामों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। इनमें पुरुषों के साथ महिलाओं के नाम भी सुर्खियों में हैं।
जहां तक महिला अध्यक्ष की बात है तो सबसे ऊपर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम है। वे वर्तमान में भाजपा की उपाध्यक्ष भी हैं। वसुंधरा की दबंग छवि है साथ वे राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। यदि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का समर्थन मिलता है तो कोई आश्चर्य नहीं कि वे पार्टी की पहली महिला अध्यक्ष बन जाएं। लेकिन, उनके खिलाफ जो एक बात जाती है, वह यह है कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की 'गुड लिेस्ट' में नहीं हैं। वसुंधरा का जो 'एटीट्यूट' है, उसके चलते वे दिल्ली की 'यसमैन' भी नहीं बन पाएंगी। बावजूद इसके यदि उनका नाम सामने आता है तो वह किसी आश्चर्य से कम नहीं होगा।
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...तो स्मृति के नाम पर लग सकती है मोहर : पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का नाम भी महिला अध्यक्ष के रूप में चल रहा है। हालांकि अमेठी में चुनाव हारने के बाद से स्मृति सुर्खियों से दूर हैं, लेकिन मोदी-शाह से करीबी का उन्हें फायदा मिल सकता है। वे जेपी नड्डा की तरह 'हां में हां' भी मिला सकती हैं। इसलिए यदि किसी महिला के नाम पर सहमति बनती है तो स्मृति की दावेदारी सबसे मजबूत हो सकती है। हालांकि भाजपा की स्थापना से लेकर अब तक पार्टी में कोई भी महिला अध्यक्ष नहीं बन पाई है। पार्टी के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी थे, जबकि सबसे ज्यादा समय तक अध्यक्ष पद पर लालकृष्ण आडवाणी रहे हैं। बंगारू लक्ष्मण, वेंकैया नायडू और जना कृष्णमूर्ति ऐसे पार्टी अध्यक्ष थे, जो दक्षिण भारत से आते थे।
और भी नाम हैं अध्यक्ष पद के लिए : महिलाओं के अलावा चार और ऐसे नाम हैं, जो अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं। केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान सरकार और संघ दोनों की पसंद हो सकते हैं। प्रधान आरएसएस से जुड़े रहे हैं। ऐसे में उनके नाम पर संघ को भी आपत्ति नहीं होगी। मोदी और शाह के भी वे करीबी हैं। ऐसे में उनके नाम को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी नरेन्द्र मोदी का करीबी माना जाता है। ऐसे में अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम पर भी मुहर लग सकती है। खट्टर भी संघ की पृष्ठभूमि से ही आते हैं।
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क्या शिवराज बनेंगे अध्यक्ष? : मध्य प्रदेश के पूर्व मु्ख्यमंत्री और केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज का नाम तो अध्यक्ष पद के लिए बहुत पहले से चल रहा है। जब उन्हें मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था तब यह बात सामने आई थी कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इस बीच, उन्हें कृषि मंत्री बना दिया और अटकलों पर विराम लग गया। लेकिन, एक बार फिर उनका नाम अध्यक्ष पद के लिए सामने आया है।
व्यवहार कुशल शिवराज संघ और सरकार दोनों के बीच समन्वय आसानी से बैठा सकते हैं। लेकिन उनके बारे में कहा जाता है कि यदि वे अध्यक्ष बनते हैं तो उनका झुकाव सरकार से ज्यादा संघ की ओर रह सकता है। ऐसे में मोदी और शाह कभी नहीं चाहेंगे कि कोई ऐसा व्यक्ति अध्यक्ष बने, जिसका ज्यादा झुकाव संघ की ओर हो। क्योंकि नड्डा ने तो एक बार खुलेआम कहा था कि भाजपा को अब संघ की जरूरत नहीं है। हालांकि संघ ने लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को उसकी 'हैसियत' भी दिखा दी थी। जो भाजपा लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा दे रही थी, वह 240 सीटों पर ही सिमट गई।
ये नाम भी हैं चर्चा में : केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव का नाम भी भाजपा अध्यक्ष पद के लिए चल रहा है। किसी समय मोदी के करीबी रहे संजय जोशी का नाम भी अध्यक्ष पद के लिए चल रहा है। चूंकि साल के अंत में बिहार में भी विधानसभा चुनाव होंगे, इसलिए बिहार के किसी व्यक्ति को भी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि अपनी आदत के अनुरूप भाजपा ऐन मौके पर सबको चौंका सकती है। कोई ऐसा नाम भी सामने आ सकता है, जिसकी लोगों को कल्पना भी नहीं हो।